अयोग्य लाभपात्रियों को सूची में से बाहर निकालने के लिये जांच के आदेश
पैंशन के लिये योग्य लाभपात्रियों की पड़ताल के लिये एक अप्रैल से नई प्रणाली अस्तित्व में आयेगी
चंडीगढ़,
पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज सामाजिक सुरक्षा विभाग को 19.08
लाख लाभपात्रियों की पैंशन के 31 मार्च तक के बकाये जारी करने के आदेश
देते हुये 1 अप्रैल, 2017 से योग्य लाभपात्रियों की पड़ताल करने की लिये नई
विधि अमल में लाने के लिये कहा ।
आज
यहां सामाजिक सुरक्षा विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते
हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष की नवंबर महीने से सभी पैंशनें बैंकों
द्वारा मिलेंगी जिससे पैंशन देने की प्रक्रिया सरल होने के अतिरिक्त समय
पर और निर्विघ्न अदायगी की जा सकेगी।
बैठक
में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्य
प्रधान सचिव सुरेश कुमार, सामाजिक सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
एवं निदेशक उपस्थित थे।
सरकारी
प्रवक्ता अनुसार नये लाभपात्रियों क ी पहचान करने की प्रणाली में परिवर्तन
के साथ-साथ बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि मौजूदा लाभपात्रियों की
विस्तार में जांच की जाये तांकि जाली या गैर योग्य लाभपात्रियों को निकाला
जा सके। मुख्यमंत्री ने विभाग को कहा कि वह ऐसे सभी लाभपात्रियों को पैंशन
देनी बंद कर दें, चाहे उनकी कोई भी सियासी पहुंच हो परंतु साथ ही
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसी भी गरीब को उसकी सियासी समीपता को
आधार बनाकर पैंशन के लाभ से वंचित नही किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि
अकाली सरकार ने बहुत से योग्स लाभपात्रियों को केवल सियासी मुखालफत के कारण
इस अधिकार से वंचित रखा।
1
जनवरी, 2016 के आंकड़ों अनुसार बुढ़ापा, विधवा, अंगहीन तथा लावारिस बच्चों
की श्रेणीयों में 19.08 लाख लाभपात्री थे। बैठक में बताया गया कि मौजूदा
नियमों के अधीन संभावी लाभपात्री एसडीएम के पास आवेदन देता था और वह तीन
दिनों में आरजी पैंशन जारी करने के लिये निर्देश देता था जबकि इसकी जांच
पड़ताल बाद में होती थी। कई बार पैंशन की राशि गलत हाथों में चली जाती थी
जिसको वापिस लेने में विभाग को बहुत कठिनाई आती थी।
मुख्यमंत्री ने योग्यता के नये मापदंड और पड़ताल प्रणाली की रूपरेखा तैयार करने के लिये सामाजिक सुरक्षा विभाग को निर्देश दिये।
बैठक
के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों में अंगहीन व्यक्तियों की रिक्त पड़े
पदों के बैकलॉग संबंधी विचारविमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने यह बैकलॉग
तुरंत पूरा करने तथा इन रिक्तियों को बिना किसी देरी से भरने के लिये
निर्देश दिये। आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस प्रकार 627 रिक्तियां हैं।
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