दुनिया मनाती है मजदूर दिवस, पर इस दिन भी मजदूरों को तो पेट के लिए करनी पड़ती है मजदूरी
एक बिल्डिंग से गिरा, तो दूसरे ने सीवरेज की सफाई करते समय गंवाई अपनी जान
एक तरफ जहां देश दुनिया में लोग मेहनतकश मजदूरों के नाम पर एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मना रहे हैं तथा दूसरी तरफ हालात यह हैं कि मजदूरों के लिए इस दिवस के कोई मायने नहीं। उन्हें तो आज के दिन भी पेट की आग बुझाने के लिए रोटी के जुगाड़ में हर दिन की तरह काम पर निकलना ही पड़ता है। लेकिन सबसे बड़े सितम की बात यह रही कि सोमवार को मजदूर दिवस के दिन ही दो मजदूरों की मजदूरी के दौरान मौत हो गई।
एक मजदूर ने श्री मुक्तसर साहिब में जहां चौथी मंजिल पर काम करते समय पांव फिसल जाने कारण जान गंवा दी वहीं मंडी किल्लियांवाली में एक आरे पर काम करने वाले मजदूर ने मालिक के बुलाने पर सीवरेज की मेनहोल की सफाई करते समय कथित जहरीली गैस के चढ़ जाने के कारण जान से हाथ धो लिए। मंडी किल्लियांवाली निवासी मृतक की माता संतरा देवी ने बताया कि उसका बेटा गंगाधर (32) एक आरे पर काम करता है। उनके अनुसार आरा संचालक सोमवार को उसे घर से बुला कर ले गया था, लेकिन बाद में उनको गंगाधर की सीवर के मेनहोल की सफाई करते समय मौत हो जाने का पता लगा।
उसने अपने बेटे का शव मेनहोल में से मरने के काफी समय के बाद निकालने का आरोप लगाया। घटना की सूचना पाकर थाना लंबी प्रभारी बिक्रमजीत सिंह सहित पहुंची पुलिस टीम ने शव कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। उधर श्री मुक्तसर साहिब में हुई घटना संबंधी मजदूर नेता जगजीत जस्सेआणा ने बताया कि कोटकपूरा रोड से थांदेवाला रोड को निकाले गए नवनिर्मित बाइपास पर स्थित बस्ती का रहने वाला मजदूर बलवंत सिंह (65) रोजाना की तरह मलोट बठिंडा बाईपास पर बन रहे अस्पताल के निर्माण के चल रहे काम पर मजदूरी करने के लिए आया था। इस दौरान काम करते हुए वह चौथी मंजिल से पांव फिसल जाने कारण नीचे जा गिरा तथा सिविल अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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