खालिस्तानी धमकियों की मुझे कोई परवाह नही, सज्जन विरूद्ध दोषों को दोहराया
फुल-टाइम रक्षा मंत्री और सीमापार के खतरों से निपटने के लिये बढिय़ा हथियारों की वकालत
स्वयं
को ‘कठोर स्वभाव’ वाला और ‘एक सैनिक’ बताते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीमापार देश विरोधी ताकतों के विरूद्ध कोई भी
समझौता ना करने वाली नीति अपनाने का आह्वान किया है। इसके साथ ही उन्होंने
अपने विरूद्ध खालिस्तानी धमकियों को नकारते हुये कहा है कि वह किसी को भी
राज्य की शांति भंग करने की आज्ञा नहीं देंगे।
जम्मू-कशमीर
के पूंछ जिले में भारत-पाक सीमा पर दो भारतीय सैनिकों की बर्बरतापूर्ण
हत्या करने और उनकी लाशों को क्षति पहुंचाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त
करते हुये कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारती की प्रतिक्रिया स्पष्ट और
साफ होनी चाहिए। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘हमें
भद्र पुरूषों वाली सेना बनना बंद कर देना चाहिए। यदि वह (पाकिस्तान) हमारा
एक सिर काटता है तो हमें उनके तीन सिर काटने चाहिये।’
खालिस्तानी
धमकियों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यदि उनमें दम है तो उनको यहां
आना और बोलना चाहिये नाकि कहीं ओर बैठकर बेतुकी बयानबाजी से लोगों को
गुमराह करना चाहिए।’
उन्होंने
आगे कहा कि, ‘वह जोर-जोर से चिल्ला सकते हैं, इसकी कौन परवाह करता है।’
इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ‘हम स्थिर पंजाब चाहते हैं, हम
विकास चाहते हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि एक सैनिक होने के नाते उन्होंने युद्ध देखे हैं और उनको अपनी सुरक्षा के संबंध में किसी भी प्रकार के जोखिम की कभी कोई परवाह नही रही।
कनाडा
के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन विरूद्ध लगाये गये आरोपों संबंधी एक
प्रशन के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका काम मुद्दों को उठाना है और
वह राज्य में बड़े स्तर पर निवेश लाना चाहते हैं जिसके लिये शांति और
स्थिरता आवश्यक है। उन्होंने दोहराया कि सज्जन और अन्य कई कनाडा के सांसदों
का खालिस्तानियों के प्रति झुकाव है और वह उन लोगों से हमदर्दी रखते हैं
जो पंजाब की शांति को भंग करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी किसी भी
कीमत पर आज्ञा नही दी जायेगी।
एक
अन्य प्रशन के उत्तर में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह नायब सूबेदार
परमजीत सिंह के तरनतारन जिले के पैतृक गांव में संस्कार में शामिल नही हो
सके क्योंकि वह पैर की चोट के कारण चलने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि
उन्होंने अपने कैबिनेट साथी और तीन पार्टी विधायकों की पीडि़त परिवार के
पास जाकर दुख व्यक्त करने की डियूटी लगाई थी। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही
शहीद के परिवार को मिलने जा रहें हैं।
मुख्यमंत्री
ने मेजर गगोई का स्पष्ट तौर पर समर्थन किया जिसकी कश्मीर चुनाव दौरान
मानवीय ढाल बनाने वाली विवादपूर्ण वीडियो सामने आया था। उन्होंने कहा कि
अधिकारी पर पत्थरबाजी की जा रही थी और उसने उन स्थितियों में जो भी किया
वह पूरी तरह ठीक था। वह पीछे हटने के स्थान पर अपने साथियों को बचाने की
कोशिश कर रहा था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने
कहा कि शांति केवल तब ही संभव है यदि सरकार बड़े स्तर पर कार्य करे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जितना समय भारतीय फ ौज का ज मू-कश्मीर में हाथ उपर
है तब तक वह किसी भी समझौते के पक्ष में नहीं हैं।
छत्तीसगढ़
और ज मू-कश्मीर में हिंसा के लिए प्रधानमंत्री को जि मेवार ना ठहराते हुए
मु यमंत्री ने फुल टाईम रक्षा मंत्री की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने
कहा कि भारत को विशेषतौर पर चीन के साथ अपनी रक्षा मज़बूत करनी चाहिए जो
ज़मीन और समुंद्र के रास्ते हल्ला कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हमें
सीमापार की विभिन्न चुनौतियों के साथ प्रभावित ढंग से निपटना है तो
हथियारों में सुधार करने की आवश्यकता है।
हाल
ही में छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले दौरान बड़ा नुक्सान उठाने वाली सी आर पी
एफ के संबंध में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सी आर पी एफ के पास उचित
प्रशिक्षण नहीं है। उसे ऐसी स्थितियों के साथ निपटने के लिए गोलीबारी का
अच्छा अनुभव नहीं है। इस हमले में हुए गैर-आवश्यक नुक्सान पर दुख व्यक्त
करते उन्होंने सी आर पी एफ को यह मामला पूरी तरह जांच व सी आर पी एफ की
विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए अपील की।
एक
अन्य प्रश्र के जवाब में मु यमंत्री ने कहा कि वह पूरी तरह एक फ ौजी और
फौज के इतिहासकारों के रूप में अपना पक्ष पेश कर रहे हैं। उन्हें विश्वास
है कि देश में जंग जैसी स्थिति पैदा हो जाने कारण अनिवार्य तौर पर समूह
सियासी पार्टियां अपनी पार्टी लाईन को छोड़ कर संयुक्त रूप में दुश्मन
विरूद्ध इक्ट्ठी जो जाएंगी।
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