जयपुर। राजस्थान पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात प्रदेश के कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह को मार गिराया गया। पुलिस डेढ़ साल से उसके पीछे लगी थी। आनंदपाल पर पांच लाख रुपए का ईनाम था।
आला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, चूरू जिले की रतनगढ़ तहसील के मालासर में एनकाउंटर को अंजाम दिया गया। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल ने एके-47 से करीब 100 राउंड फायर किए। जवाबी फायरिंग में पुलिस की 6 गोलियां उसके सीने में धंस गई और इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
आनंदपाल का शव जयपुर लाया जा रहा है। डीजीपी मनोज भट्ट ने इसकी पुष्टि की है। एनकाउंटर के दौरान आनंदपाल के दो साथियों को गिरफ्तार करने में भी कामयाबी मिली है। इनके नाम देवेंद्र और गट्टू बताए गए हैं।आनंदपाल का शव जयपुर लाया जा रहा है। डीजीपी मनोज भट्ट ने इसकी पुष्टि की है। एनकाउंटर के दौरान आनंदपाल के दो साथियों को गिरफ्तार करने में भी कामयाबी मिली है। इनके नाम देवेंद्र और गट्टू बताए गए हैं।
आनंदपाल के बारे में कहा जाता है कि उसने 2006 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उस साल उसने डीडवाना में जीवनराम गोदारा की हत्या कर दी थी।
इस हत्याकांड के अलावा आनंदपाल पर डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज थे, जहां 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था।
आनंदपाल सितंबर 2015 में नागौर की कोर्ट में पेशी के बाद वापस अजमेर जेल में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच लाते समय पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था।
आनंदपाल के बारे में बताया जाता है कि वह फेसबुक पर सक्रिय रहता था। उसका अपना फेसबुक पेज था, जिस पर उसके फैन्स भी थे। वह समाज से जुड़ी अखबारों में छपने वाली खबरों को भी पोस्ट करता था।
आला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, चूरू जिले की रतनगढ़ तहसील के मालासर में एनकाउंटर को अंजाम दिया गया। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल ने एके-47 से करीब 100 राउंड फायर किए। जवाबी फायरिंग में पुलिस की 6 गोलियां उसके सीने में धंस गई और इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
आनंदपाल के बारे में कहा जाता है कि उसने 2006 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उस साल उसने डीडवाना में जीवनराम गोदारा की हत्या कर दी थी।
इस हत्याकांड के अलावा आनंदपाल पर डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज थे, जहां 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था।
आनंदपाल सितंबर 2015 में नागौर की कोर्ट में पेशी के बाद वापस अजमेर जेल में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच लाते समय पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था।
आनंदपाल के बारे में बताया जाता है कि वह फेसबुक पर सक्रिय रहता था। उसका अपना फेसबुक पेज था, जिस पर उसके फैन्स भी थे। वह समाज से जुड़ी अखबारों में छपने वाली खबरों को भी पोस्ट करता था।
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