बिहार के सियासत में अचानक ही सियासी पारा चढ़ गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. नीतीश पार्टी की विधायक दल की मीटिंग के बाद सीधे गवर्नर हाउस गए थे, जहां उन्होंने केसरी नाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंपा।
वे बोले- ऐसा माहौल था कि काम करना मुश्किल था। हमने अंतरआत्मा की आवाज पर ये फैसला लिया।इससे पहले आरजेडी के विधायक दल की बैठक हुई थी। जिसके बाद लालू यादव ने कहा था कि नीतीश ने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा है और वे इस्तीफा नहीं देंगे। गठबंधन के सवाल पर RJD चीफ ने कहा था कि सरकार 5 साल पूरे करेगी, लेकिन नीतीश के इस्तीफे के बाद अब से सवाल सामने आ रहा है कि महागठबंधन बचेगा या फिर टूटेगा? बता दें कि रेलवे टेंडर स्कैम और बेनामी प्रॉपर्टी मामले में केस दर्ज होने पर बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रही है। जेडीयू भी कह चुकी है कि तेजस्वी को जनता के बीच जाकर सफाई देनी चाहिए।
वे बोले- ऐसा माहौल था कि काम करना मुश्किल था। हमने अंतरआत्मा की आवाज पर ये फैसला लिया।इससे पहले आरजेडी के विधायक दल की बैठक हुई थी। जिसके बाद लालू यादव ने कहा था कि नीतीश ने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा है और वे इस्तीफा नहीं देंगे। गठबंधन के सवाल पर RJD चीफ ने कहा था कि सरकार 5 साल पूरे करेगी, लेकिन नीतीश के इस्तीफे के बाद अब से सवाल सामने आ रहा है कि महागठबंधन बचेगा या फिर टूटेगा? बता दें कि रेलवे टेंडर स्कैम और बेनामी प्रॉपर्टी मामले में केस दर्ज होने पर बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रही है। जेडीयू भी कह चुकी है कि तेजस्वी को जनता के बीच जाकर सफाई देनी चाहिए।

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