बीकानेर को अब ‘कैमल सिटी’ (ऊंट नगरी) के नाम से जाना जाएगा, इसके लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भिजवाये जायेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने प्रत्येक जिले के लिए क्षेत्रीय विशेषता से पूर्ण विशेष पहचान चिन्ह भेजने को कहा था। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को बीकानेर मेें जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक हुई, जिसमें ‘केमल सिटी’ के नाम पर सहमति बन गई। बैठक में जिला कलक्टर अनिल गुप्ता ने कहा कि जिले में ऊंट बहुतायत में पाए जाते हैं। पर्यटन विभाग का पहला सालाना उत्सव बीकानेर में ही ‘केमल फेस्टिवल’ के नाम से आयोजित होता है। एशिया का सबसे बड़ा उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र,
बीकानेर में है एवं यहां की उस्ता कला भी विश्व प्रसिद्ध है। इन विशेषताओं को देखते हुए बीकानेर को ‘केमल सिटी’ के रूप में प्रचारित किया जाए, जिससे इसकी नई पहचान बनेगी।
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