जवाहर नवोदया विद्यालय महियावाला में अध्ययनरत था तरुण
श्रीगंगानगर
जवाहर नवोदया महियावाला में पढऩे वाला छात्र जब घर आता तो मम्मी का मोबाइल लेकर एटीएम से पैसे निकलवाता और मम्मी के मोबाइल पर आने वाला मैसेज डिलीट कर देता। एक दिन किसी शादी समागम में गई उसकी मम्मी से मोबाइल लिए बिना ही जब उसने पैसे निकलवाए तो उसकी मम्मी के अपने खाते में महज 94 रुपये रह जाने का मैसेज देखकर होश उड़ गए।भांडा फूटने के बाद से छात्र भर से गायब है।
जानकारी के अनुसार पूर्व सभापति यशपाल कलेर का पौता तरूण बैंक अकाउंट से एटीएम के जरिये लगातार पैसे निकालता रहा। उसने लगभग 50 हजार रुपये धीरे-धीरे करके निकाल लिये। विगत शनिवार को अन्तिम बार उसने दो हजार रुपये निकलवाये, तब अकाउंट में सिर्फ 94 रुपये रह जाने का मैसेज उसकी मम्मी परमजीत कौर के मोबाइल फोन पर आया, तो वह चौक उठी। उसने विगत नवम्बर माह में नया बैंक अकाउंट खुलवाते हुए उसमें 50 हजार रुपये जमा करवाये थे। इसकी पास बुक और एटीएम कार्ड उसने घर में रखा हुआ था। जवाहर नवोदय विद्यालय महियावाली में अध्ययनरत तरूण (पुत्र बलवीर) ने कब घर से एटीएम कार्ड उठा लिया, यह उसके घर वालों को पता ही नहीं चला। वह विगत जून माह से कुछ-कुछ दिन के अंतराल पर एटीएम से रकम निकाल रहा था। इस सितम्बर माह की शुरूआत में ही उसने कुछ दिनों मेें ही 9 बार पैसे निकाले। तरूण के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो जाने की जांच कर रहे पुरानी आबादी थाना के सब इंस्पेक्टर नाहर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तरूण एटीएम से रुपये तभी निकालता था, जब वह रविदासनगर स्थित अपने घर आया होता था। एटीएम से रुपये निकालते ही इसका मैसेज उसकी मम्मी के मोबाइल फोन पर आता था। उस समय मोबाइल तरूण अपने पास ही रखता था। मैसेज आते ही वह उसे डिलीट कर देता था। इसलिए घर वालों को उसके रुपये निकालने का पता नहीं चला। विगत शनिवार को जब उसने दो हजार की रकम निकाली, उस समय मोबाइल फोन उसकी मम्मी के पास था, जो किसी के यहां शादी में गई हुई थी। उसने रकम निकलने के आये हुए मैसेज को देखा तो वह चौक उठी, क्योंकि अकाउंट में 94 रुपये ही शेष बचे थे। तब उसने तरूण से पूछा तो वह आनाकानी करने लगा। उसका जवाब था कि किसी ने ऑनलाइन अकाउंट में सेंधमारी की है। सोमवार को वह बैंक खुलने पर इस बारे में पता करेगा। जांच अधिकारी के अनुसार घर वालों को उसकी बात पर यकीन नहीं आया। तब उसने अपने रिश्ते में लगते एक भाई से 50 हजार रुपये मांगे, जिसने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जता दी। अगले दिन रविवार को अपराह्न करीब 3 बजे तरूण यहां केन्द्रीय बस अड्डे के पास अपने रिश्ते मेें लगते चाचा राजकुमार को दिखाई दे गया। पूछने पर तरूण ने बताया कि वह अभी कुछ देर पहले ही महियांवाली से आया है और वापिस जा रहा है। उसने चाचा से मोबाइल फोन लेकर किसी को कॉल भी की थी। जिसे कॉल की, उसे बस अड्डे पर आने के लिए कहा। कॉल करने के बाद तरूण ने चाचा से बातें करते हुए मोबाइल फोन से इस नम्बर को डिलीट कर दिया। इसके बाद तरूण ने बस अड्डे के पास से ही किसी मॉन्टी की दुकान से तीन हजार रुपये में नया मोबाइल फोन खरीदा, जिसकी उसने 1900 रुपये ही दिये। बाकी रुपये उसने बाद में आकर देने की बात कही। जांच अधिकारी के अनुसार इस मोबाइल फोन का बॉक्स वह दुकान पर ही छोड़ गया था। उसमें मिले ईएमआई नम्बर से अब तरूण की लोकेशन को ट्रेस करने के प्रयास किये जा रहे हैं। बता दें कि उदाराम चौक में फोटो स्टूडियो की दुकान करने वाले राजकुमार की सूचना पर पुरानी आबादी थाना पुलिस ने तरूण का किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपहरण कर लेने का मुकदमा दर्ज करवाया हे, जिसकी जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आये हैं। लिहाजा पुलिस का अब यह मानना है कि तरूण का किसी ने अपहरण नहीं किया, बल्कि वह अपनी मर्जी से गायब है। गायब होने की वजह भी यही मानी जा रही है कि उसके द्वारा घर वालों को बताये बिना अकाउंट से निकाली गई 50 हजार की राशि है। वह इस बाबत घर वालों को कोई जवाब नहीं दे पा रहा होगा, इसलिए वह गायब हो गया। तरूण का छोटा भाई रेाहित भी जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत है। पुलिस ने नवोदय विद्यालय में जाकर रोहित के सहपाठियों, वहां कैंटीन के संचालक तथा हाइवे पर एक होटल वाले से भी पूछताछ की है। इस होटल से कईं बार तरूण खाने-पीने का सामान अपने हॉस्टल के कमरे में मंगवाया करता था।
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