नई दिल्ली - जीएसटी परिषद ने आम आदमी, छोटे व्यापारियों और निर्यातकों को बड़ी राहत देते हुए 27 वस्तुओं पर जीएसटी कर की दर कम कर दी है और तिमाही रिटर्न जमा करने की अनुमति दे दी है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में कल नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की बैठक हुई जिसमें सूखे आम, खाखड़ा, सादी रोटी, बिना ब्रांड वाली नमकीन, बिना ब्रांड वाली आयुर्वेदिक दवाइयों और रद्दी कागज पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है।
अरुण जेटली ने बताया कि स्टेशनरी उत्पादों, मार्बल और ग्रेनाइट को छोड़कर अन्य टाइल्स, डीजल इंजन के पुर्जों और पम्प्स पर कर की दर घटाकर 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है। इनके अलावा जरी की कढाई,आर्टीफिशियल गहनों, खाद्य वस्तुओं और मुद्रण पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
अरुण जेटली ने कहा कि डेढ़ करोड़ रूपए तक का कारोबार करने वालों को अब तिमाही आधार पर रिर्टन दाखिल करना होगा।
अब कम्पोजिशन स्कीम में आपको तीन महीने में एक बार यानी क्वाटर्ली रिटर्न फाइल करना पड़ता है और क्वार्टली अपना वन पर्सेंट, टू पर्सेन्ट या पाइव पर्सेन्ट जिस भी कैटगरी में आप में आते हैं टैक्स देना पड़ता है। उसी प्रकार से यह तय हुआ कि जिनकी डेढ़ करोड़ तक की टर्न ओवर है वन प्वाइंट हाफ करोड़ की टर्न ओवर है और इसमें लगभग 90 पर्सेन्ट एसेसरीज़ कवर हो जाएंगे। जो आउट साइड द कम्पोजिशन स्कीम है। वो अब मंथली रिटर्न के स्थान पर क्वाटर्ली रिटर्न फाइल करें।
उन्होंने कहा कि कम्पोजिशन योजना के तहत व्यापारियों को एक प्रतिशत, विनिर्माताओं को दो प्रतिशत और रेस्त्रां को पांच प्रतिशत जी एस टी देना होगा।
उन्होंने बताया कि निर्यातकों को उनके इनपुट क्रेडिट का जुलाई का रिफण्ड 10 अक्तूबर से और अगस्त का 18 अक्तूबर से मिलना शुरू हो जाएगा। यह अंतरिम व्यवस्था है।
एक्सपोर्टर्स का क्रे़डिट है उसका काफी ब्लॉकेज हुआ हुआ है जिससे उनकी कैश लिक्वडिटी के ऊपर असर पड़ता है। उसका डेटा तो क्रोनिकली एवलेबल है लेकिन उसकी जो तुरंत रिफंड व्यवस्था है वो इलेक्ट्रोनिकली धीरे-धीरे बन रही है। दस अक्टूबर से जुलाई के महीने का और 18 अक्टूबर से अगस्त के महीने का रिफंड प्रोसेस करके उन एक्सपोर्टर्स को उनके चैक्स दे दिये जायेंगे।
