हाल ही में पंजाब सरकार की ओर से एक मुहिंम के तहत लगाई धान की फसल काटने के बाद बची नाड़ को आग लगाने की पाबंदी को ठेंगा दिखाते हुए किसान जत्थेबंदियों द्वारा मानसा के गांव भैनीबागा में नाड़ को आग के हवाले कर जमकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों ने कहा कि नाड़ को आग लगाना उनका शोक नहीं बल्कि मजबूरी है। सरकार यदि किसान, मजदूर व लोगों के हितों में फैसले करें तो उन्हें नाड़ को आग लगाने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार पानी कम लेने वाली फसलों के भाव निर्धारित करें तो धान की फसल बुआई करने की जरूरत ही नहीं है। किसानों ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद दशहरे वाले दिन पुतलें फूंक कर प्रदूषण फैला रहे हैं तो वह किसानों को नाड़ जलाने से क्यों रोका जा रहा है।
सरकार चाहे पर्चें दर्ज कर देवे...
हाल ही में पंजाब सरकार की ओर से एक मुहिंम के तहत लगाई धान की फसल काटने के बाद बची नाड़ को आग लगाने की पाबंदी को ठेंगा दिखाते हुए किसान जत्थेबंदियों द्वारा मानसा के गांव भैनीबागा में नाड़ को आग के हवाले कर जमकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों ने कहा कि नाड़ को आग लगाना उनका शोक नहीं बल्कि मजबूरी है। सरकार यदि किसान, मजदूर व लोगों के हितों में फैसले करें तो उन्हें नाड़ को आग लगाने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार पानी कम लेने वाली फसलों के भाव निर्धारित करें तो धान की फसल बुआई करने की जरूरत ही नहीं है। किसानों ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद दशहरे वाले दिन पुतलें फूंक कर प्रदूषण फैला रहे हैं तो वह किसानों को नाड़ जलाने से क्यों रोका जा रहा है।
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