सरकार ने दो वर्ष या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय पड़ी करीब सवा दो लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इन कंपनियों के बैंक खातों से लेनदेन पर पाबंदियां लगा दी गयी हैं। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि शुरूआती जांच से पता चला है कि नोटबंदी के बाद पैंतीस हजार कंपनियों ने अट्ठावन हजार खातों से सत्रह हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम निकाली है। मंत्रालय के बयान के अनुसार बैंक खातों से लेनदेन पर रोक के अलावा इन कंपनियों की परिसंपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरण पर भी रोक लगा दी गयी है।
नोटबंदी के बाद सरकार का एक और बड़ा फैसला
Sunday, November 05, 2017
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सरकार ने दो वर्ष या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय पड़ी करीब सवा दो लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इन कंपनियों के बैंक खातों से लेनदेन पर पाबंदियां लगा दी गयी हैं। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि शुरूआती जांच से पता चला है कि नोटबंदी के बाद पैंतीस हजार कंपनियों ने अट्ठावन हजार खातों से सत्रह हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम निकाली है। मंत्रालय के बयान के अनुसार बैंक खातों से लेनदेन पर रोक के अलावा इन कंपनियों की परिसंपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरण पर भी रोक लगा दी गयी है।