गौरतलब है कि मुक्तसर में लगने वाले एतिहासिक मेला माघी में रोजी रोटी कमाने के लिए दूर दराज से आए उक्त दुकानदारों ने शायद यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जब वो अपनी रोजी रोटी के लिए काम कर रहे होंगे तभी उन पर इस तरह से कुदरत की मार पड़ जाएगी। कुछ ऐसा ही हुआ जब सोमवार को मलोट रोड पर मेला का मुख्य आकर्षण समझी जाने वाली खजला नामक मिठाई की दुकान पर अचानक आग लग गई तथा गैस सिलेंडर को लगी पाइप के आग पकड़ लेने से देखते ही देखते आग ने भयानक रूप धारण कर लिया। आग इतनी भयानक थी कि खजले वाली दुकान तो जली ही लेकिन साथ में एक पर्स व बैगों से सजी दुकान भी जल कर राख हो गई। बाजार ओर आस पास के लोगों ने भाग दौड़ में आग पर काबू पाया। आग बुझाने में जुटे समाज सेवी जीता बाबा व हवलदार भुपिंदर भिंदा ने कहा कि उन्होंने कुछ दूर जब आग की निकल रही लपटों को देखा तो वह दौड़ कर मौके पर पहुंचे तथा राहत कार्य शुरू किए। आग की सूचना मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की गाडियां की मौके पर पहुंची ओर आग पर काबू पाकर आस पास लगी स्टालों को नुकसान से बचा लिया गया। बुलंद शहर से आए खजला विक्रेता राजेश कुमार ने बताया कि इस बार मेला पहले ही मंदा था तथा उस पर इस घटना में करीब एक लाख रुपये के नुकसान ने तो कमर ही तोड़ दी है। इसी तरह अमृतसर से आए बैग विक्रेता प्रवीन ने बताया कि उन्होंने बड़ी आशा से मेले में स्टाल लगाई थी, लेकिन होनी को शायद यही मंजूर था कि उनको फायदे के बजाय करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हो गया।
बचाव करने के बजाय लोग बनाने लगे वीडियो
बाबा जीता व भिंदा ने बताया कि एक तरफ आग लगने से अफरातफरी मच गई जबकि दूसरी तरफ कुछेक लोग राहत कार्य में हाथ बटाने के बजाय वीडियो बनाने लग गए। हालांकि उन्होंने बहुत सारे इस तरह कर रहे लोगों को टोका तथा तमाशगीर बनने के बजाय आग बुढाने में मदद करने को कहा। उन्होंने इस तरह के हालातों में लोगों को संवेदनशील होकर पीडि़त लोगों की मदद की अपील की।
बचाव करने के बजाय लोग बनाने लगे वीडियो
बाबा जीता व भिंदा ने बताया कि एक तरफ आग लगने से अफरातफरी मच गई जबकि दूसरी तरफ कुछेक लोग राहत कार्य में हाथ बटाने के बजाय वीडियो बनाने लग गए। हालांकि उन्होंने बहुत सारे इस तरह कर रहे लोगों को टोका तथा तमाशगीर बनने के बजाय आग बुढाने में मदद करने को कहा। उन्होंने इस तरह के हालातों में लोगों को संवेदनशील होकर पीडि़त लोगों की मदद की अपील की।
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