मुख्यमंत्री द्वारा रनिंदर सिंह को आई.एस.एस.एफ़. के पहले भारतीय उप-प्रधान चुने जाने पर बधाई
चंडीगढ़, 1 दिसंबर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने पुत्र और पूर्व निशानेबाज़ रनिंदर सिंह को इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्टस फेडरेशन (आई.एस.एस.एफ़.) के चार उप प्रधानों में चुने जाने पर बधाई दी है। वह ऐसे पहले भारतीय बने हैं जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
मुनिचम में आई.एस.एस.एफ़. की जनरल एसेंबली के दौरान हुए इस चयन पर मुख्यमंत्री ने ख़ुशी प्रकट की है। इससे पंजाब खासकर निशानेबाज़ समुदाय को बड़ा गौरव हासिल हुआ है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि रनिंदर सिंह ने इस ओहदे पर पहुँच कर भारत का नाम रौशन किया है।
पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने भी रनिंदर सिंह की सफलता पर ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा है कि उन्होंने देश के लिए बड़ा मान हासिल किया है।
शुक्रवार को जनरल एसेंबली में रनिंदर सिंह को आई.एस.एस.एफ़. का डिप्लोमा गोल्ड मैडल प्रदान किया गया। उनको यह डिप्लोमा और मैडल सबसे लम्बा समय आई.एस.एस.एफ़. के रहे प्रधान ओलैगर्यो वाज़किज़ राणा ने दिया जो इस ओहदे से सेवा मुक्त हो रहे हैं।
रनिंदर सिंह जो नेशनल राईफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) के प्रमुख भी हैं, ने 161 वोट हासिल किए। तीन अन्य बने उप प्रधानों में आयरलैंड के केविन किलटी (162 वोट), अमरीका के रोबर्ट मिचेल (153 वोट) और चीन गणराज्य के वांग यीफू जो 146 वोट हासिल करके फिर चुने गए हैं।
गौरतलब है कि रनिंदर सिंह साल 2014 में 25 में से 22 वोट हासिल करके आई.एस.एस.एफ़. के मैंबर बने थे। पूर्व निशानेबाज़ पिछले साल मोहाली में चार साल के लिए एन.आर.ए.आई. का प्रमुख भी चुना गया था।
मुख्यमंत्री ने अपने भाई रणधीर सिंह के चयन पर भी बधाई दी है जो लगातार पाँचवी बार चार साल के लिए एसोसिएशन ऑफ नेशनल ओलंपिक कमेटी के कार्यकारी बोर्ड के मैंबर चुने गए हैं। रणधीर सिंह साल 2001 से 2014 तक इंडियन ओलंपिक कमेटी के मैंबर भी रहे हैं।
चंडीगढ़, 1 दिसंबर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने पुत्र और पूर्व निशानेबाज़ रनिंदर सिंह को इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्टस फेडरेशन (आई.एस.एस.एफ़.) के चार उप प्रधानों में चुने जाने पर बधाई दी है। वह ऐसे पहले भारतीय बने हैं जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
मुनिचम में आई.एस.एस.एफ़. की जनरल एसेंबली के दौरान हुए इस चयन पर मुख्यमंत्री ने ख़ुशी प्रकट की है। इससे पंजाब खासकर निशानेबाज़ समुदाय को बड़ा गौरव हासिल हुआ है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि रनिंदर सिंह ने इस ओहदे पर पहुँच कर भारत का नाम रौशन किया है।
पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने भी रनिंदर सिंह की सफलता पर ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा है कि उन्होंने देश के लिए बड़ा मान हासिल किया है।
शुक्रवार को जनरल एसेंबली में रनिंदर सिंह को आई.एस.एस.एफ़. का डिप्लोमा गोल्ड मैडल प्रदान किया गया। उनको यह डिप्लोमा और मैडल सबसे लम्बा समय आई.एस.एस.एफ़. के रहे प्रधान ओलैगर्यो वाज़किज़ राणा ने दिया जो इस ओहदे से सेवा मुक्त हो रहे हैं।
रनिंदर सिंह जो नेशनल राईफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) के प्रमुख भी हैं, ने 161 वोट हासिल किए। तीन अन्य बने उप प्रधानों में आयरलैंड के केविन किलटी (162 वोट), अमरीका के रोबर्ट मिचेल (153 वोट) और चीन गणराज्य के वांग यीफू जो 146 वोट हासिल करके फिर चुने गए हैं।
गौरतलब है कि रनिंदर सिंह साल 2014 में 25 में से 22 वोट हासिल करके आई.एस.एस.एफ़. के मैंबर बने थे। पूर्व निशानेबाज़ पिछले साल मोहाली में चार साल के लिए एन.आर.ए.आई. का प्रमुख भी चुना गया था।
मुख्यमंत्री ने अपने भाई रणधीर सिंह के चयन पर भी बधाई दी है जो लगातार पाँचवी बार चार साल के लिए एसोसिएशन ऑफ नेशनल ओलंपिक कमेटी के कार्यकारी बोर्ड के मैंबर चुने गए हैं। रणधीर सिंह साल 2001 से 2014 तक इंडियन ओलंपिक कमेटी के मैंबर भी रहे हैं।