परिवहन अधिकारी
नतीजा समर्थकी पहुँच अपनाएं-अरुणा चौधरी
राजस्व जुटाने
का लक्ष्य हर हाल में पूरा करने के लिए लताड़ा
अधिकारियों को
लोगों के प्रति जवाबदेह और कार्यालयों से बाहर निकल कर फील्ड में काम करने के लिए
कहा
चंडीगढ़, 9 जनवरी:
पंजाब सरकार ने राज्य की बागडोर
अपने हाथों में लेने के अवसर पर पूरी तनदेही और सौहार्द के साथ सभ्य और निष्पक्ष
प्रशासन मुहैया करवाने के लिए अपनी वचनबद्धता और जवाबदेही अभिव्यक्त की। पंजाब के
लोगों को सेवाएं प्रदान करने में परिवहन विभाग सबसे पहली कतार में है और लोगों की
उम्मीदों पर खरा उतरने में विभाग द्वारा हर संभव यत्न किया जायेगा। ‘‘यह बात परिवहन मंत्री श्रीमती
अरुणा चौधरी ने आज यहाँ पंजाब भवन में बुलाई विभाग की उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान
कही।
परिवहन विभाग को राज्य की आर्थिकता
का रूख बदलने का सामथ्र्य रखने वाला विभाग बताते हुए श्रीमती चौधरी ने कहा कि विभाग के
हरेक कर्मचारी और अधिकारी को नतीजा समर्थकी रवैया अपनाना पड़ेगा। राजस्व जुटाने पर
ध्यान केंद्रित करने की बात करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि विभागीय अफसरों की
कारगुज़ारी कई महत्वपूर्ण मापदण्डों के आधार पर तय की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों
को लताड़ा कि जो अधिकारी अच्छे नतीजे नहीं देगें, उनके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही भी
होगी।
श्रीमती चौधरी ने अधिकारियों को
ग़ैर -कानूनी ढंग से और ज़रुरी दस्तावेज़ों के बिना बसें चलाने वालों के विरुद्ध
सख़्ती से पेश आने के लिए कहा है और यह भी स्पष्ट किया कि उक्त काम पूरी तनदेही और
सौहार्द के साथ पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर
निकल कर सडक़ों पर आएं और नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खि़लाफ़ सख़्त
कार्यवाही करें।
इससे सम्बन्धित और विवरण देते हुए
श्रीमती चौधरी ने कहा बसों के आने -जाने के सम्बन्धी तर्कसंगत टाईम टेबल तैयार
किया जायेगा और यह काम हर हाल में 10 फरवरी तक मुकम्मल कर लिया जाये।
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी काम के मूल्यांकन के लिए वह 11 फरवरी को पुन: मीटिंग करके नये
टाईम टेबल का जायज़ा लेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्राईवेट बस चालक को नाजायज
फ़ायदा न पहुँचने दिया जाये।
परिवहन मंत्री ने बताया कि विभाग
द्वारा शुरु किए गए इन यत्नों सम्बन्धी एक्शन टेकन रिपोर्ट 15 दिनों बाद भेजी जायेगी। विभाग के
काम -काज के कम्प्यूटरीकरण को यकीनी बनाने के लिए उन्होंंने अफसरों को नये सुधारों
को अपनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और विभाग के कामों को समयबद्ध तरीकों से पूरा
करने के लिए भी ताकिद की।
श्रीमती चौधरी ने विभाग के अफसरों
को जाली ड्राइविंग लाइसेंस आदि जैसी और धोखाधडिय़ों को रोकने के लिए असहनीय व्यवहार
अपनाने की ताकिद की । उन्होंने कहा कि अधिकारी लोगों के लिए जवाबदेह बनने और
ड्राइविंग लायसेंस रीन्यू आदि मामलों के निपटारे निश्चित और कम समय के अंदर किया
जाये।
श्रीमती चौधरी ने यह भी हिदायत की
कि आज के बाद राज्य में किसी को भी राज्य परिवहन कमिशनर की मंजूरी के बिना पुराने
रजिस्ट्रेशन नंबर नयी गाड़ीयों पर लगाने की आज्ञा नहीं दी जायेगी। उन्होंने यह भी
कहा कि लोगों को सुगम और परेशानी मुक्त सेवाएं मुहैया कराने के लिए आर.टी.एज़, जिनके पास एक से अधिक जिलों के
प्रभार हैं, को दफ़्तरों में रहने की हिदायत की गई है। उनके दिन भी निर्धारित
किये जाएँ।
इससे पहले विभाग के प्रमुख सचिव
श्री के.सिवा प्रसाद ने संबोधन करते हुए कहा कि परिवहन मंत्री की तरफ से दी गई
हिदायतों की यथावत पालना की जाये और सरकारी परिवहन प्रणाली को लोक समर्थकी बनाया
जाये। मीटिंग में स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर श्री दिलराज सिंह, डायरैक्टर श्री तेजिन्दर सिंह
धालीवाल, पी.आर.टी.सी. के
अतिरिक्त प्रशासनिक निदेशक श्री अमित बांबे, क्षेत्रीय परिवहन अथॉरटी (आर.टी.ए)
के सचिव, पंजाब रोडवेज़
और पी.आर.टी.सी. के जनरल मैनेजर शामिल हुए।