एक बुलेट मोटरसाइकिल
(रायल इनफील्ड) को पटाखे बजाते हुए देख ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का गुस्सा फूट
पड़ा तथा ड़यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल मंजीत सिंह ने दौड़ते हुए जाकर मोटरसाइकिल
सवारों को धर दबोचा। उसके पीछे ही एएसआई सुखजिंदर सिंह भी पहुंच गए, पहले तो युवक
रौब झाड़ने लगे तथा कहा कि वह खुद एक एएसआई का भतीजा है। यही नहीं अपना मोबाइल निकालकर
युवक ने अपने एएसआई चाचा का नंबर भी डायल कर लिया, लेकिन उक्त कर्मचारियों ने फोन
सुनने पहले ही चालान काटकर उसके हाथ में थमा दिया।
अमृतसर रेलवे स्टेशन के पास सड़क
पर एकाएक पटाखे बजने से बच्चे और महिलाएं खौफजदा हो गईं। पुलिस दल को गवारा नहीं
था कि उनकी मौजूदगी में ही कोई दहशत में आए तो बस देखते ही देखते हेड कांस्टेबल
मंजीत सिंह पटाखे मार कर जाते मोटरसाइकिल के पीछे दौड़ पड़ा और कुछ ही दूरी पर जाकर रुके बुलेट
मोटरसाइकिल चालकों को उसने धर लिया। दस्तावेज मांगे तो पहले बुलेट मोटर साइकिल सवारों
ने हेड कांस्टेबल को अपना रौब दिखाया। लेकिन हेड कांस्टेबल बुलेट से बजने वाले
पटाखों से गुस्से में थे।
इस बीच ट्रैफिक पुलिस के एएसआइ सुखजिंदर सिंह भी बाइक सवारों के पास
पहुंच गए। दोनों सवारों ने बताया कि उनके बुलेटमोटर साइकिल पर पटाखे बजाने वाला
यंत्र ही नहीं है, लेकिन एएसआइ सुखजिंदर सिंह ने उनके झूठ को भांपते हुए कहा कि वह
बुलेट को किक मारकर जांच करना चाहते हैं। फिर क्या था पकड़े गए दोनों युवक बोले,
हमारा चाचा पंजाब पुलिस में सब इंस्पेक्टर है
और एक युवक ने झअ से अपनी जेब में से मोबाइल निकाला और नंबर डायल कर कहने लगा कि
बात कर लो। यह सुनकर ट्रैफिक पुलिस के उक्त कर्मचारियों का गुस्सा और बढ़ गया
तथा उन्होंने बात करने से इनकार कर बुलेट के दस्तावेज मांगे गए। चालक के पास ड्राइविंग
लाइसेंस ही नहीं था जिसके चलते पुलिस ने
पटाखे बजाने और बिना लाइसेंस का चालान काट कर सब इंस्पेक्टर के भतीजों के हाथ में
थमा दिया।