विजीलैंस द्वारा जनवरी में काबू 15 में से 5 पुलिस व 3 राजस्व विभाग के कर्मचारी
चंडीगढ़, 14 फरवरी:
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार
के खि़लाफ़ चल रही मुहिम के दौरान माह जनवरी में रिश्वत लेने के 11 अलग -अलग तरह के मामलों में 15 कर्मचारी गिरफ्तार किये गए। माह
जनवरी में भी वर्ष 2018 का रिकार्ड बरकरार रखते हुए रिश्वत लेते धरे 15
कमर्चारियों में से 5 कर्मचारियों के साथ पुलिस विभाग पहले जबकि राजस्व विभाग 3 कर्मचारियों के साथ दूसरे नंबर पर
रहा। गौरतलब है कि बीते साल 2018 में भी पंजाब
पुलिस 49 जवानों
की गिरफ़्तारी के साथ सबसे ऊपर और 35 के साथ राजस्व विभाग दूसरे स्थान पर था।
चीफ़ डायरैक्टर-कम-एडीजीपी विजीलैंस
ब्यूरो पंजाब बी. के. उप्पल ने बताया कि ब्यूरो द्वारा सरकारी कर्मचारियों और अन्य
क्षेत्रों में से भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए पूरी कोशिश जारी है। इस दिशा में
निगरान अधिकारियों ने यह यकीनी बनाया कि दोषी व्यक्ति राज्य की अदालतों में से
सज़ा से बच न सकें। उन्होंने कहा कि ब्यूरो ने पिछले
महीने विभिन्न विशेष अदालतों में 12 विजीलैंस मामलों से सम्बन्धित चालान पेश किये। इसके अलावा भ्रष्टाचार
सम्बन्धी एक केस की गहराई के साथ जांच करने के लिए एक विजीलैंस जांच भी दर्ज की गई
है।
अदालतों में चल रहे अलग अलग मामलों में
सात को कैद व जुर्माने की सजा
उन्होंने बताया कि पिछले समय
के दौरान ब्यूरो द्वारा दर्ज और पैरवी किये गए दो रिश्वतख़ोरी के मामलों का फ़ैसला
विशेष अदालतों ने किया है जिसमें छह दोषियों सरबदयाल सिंह, पी.ए. पूर्व मंत्री गुलजार सिंह रणीके, अमरीक सिंह, दलीप सिंह, निन्दर सिंह सरपंच, मोहित सरीन और
मनिन्दर सिंह दोनों बैंक कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए उनको 6 साल से 4 साल तक की कैद और 2,30,000 रुपए से लेकर 30,000 रुपए तक के जुर्माने
की सज़ा अतिरिक्त सैशन जज, अमृतसर द्वारा सुनाई गई है। इसी
तरह तरन तारन जि़ले में तैनात सुखदेव सिंह, पटवारी को
अतिरिक्त सैशन अदालत तरन तारन ने दोषी ठहराते हुए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की
विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 3 और 4 साल की कैद की सज़ा और 5,000 रुपए जुर्माना किया गया है।
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