नई दिल्ली
कांग्रेस द्वारा सरकार के प्रस्ताव के विरोध के बावजूद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने पर लोकसभा की मुहर लग गई है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 माह और बढ़ गई है।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल भी लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक का तो स्वागत किया, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में पंचायत और लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए हैं तो यहां विधानसभा चुनाव अभी क्यों नहीं कराए जा सकते?
कांग्रेस द्वारा सरकार के प्रस्ताव के विरोध के बावजूद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने पर लोकसभा की मुहर लग गई है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 माह और बढ़ गई है।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल भी लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक का तो स्वागत किया, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में पंचायत और लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए हैं तो यहां विधानसभा चुनाव अभी क्यों नहीं कराए जा सकते?
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