मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एन.डी.पी.एस एक्ट के तहत व्यापक पुरुस्कार नीति तैयार
चंडीगढ़, 9 जून:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर
सिंह के निर्देशों पर कार्यवाही करते हुये पंजाब पुलिस ने नारकोटिक ड्रगज़ एंड
साईकोटरोपिक सब्स्टांसिस (एन.डी.पी.एस) एक्ट 1985 के तहत सरकारी मुलाजिमों और सूचना
देने वालों के लिए पुरुस्कार नीति तैयार की है।
इसका उद्देश्य नशों के विरुद्ध मुहिम
को और मज़बूत बनाना है जिसकी प्रगति पर मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं निजी तौर पर
निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री इस स्कीम के लिए नये गठित किये गए सलाहकारी
ग्रुप के प्रमुख हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हाल ही में
एस.टी.एफ और प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ एक समीक्षा मीटिंग के दौरान पुलिस
विभाग को इस सम्बन्ध में एक व्यापक नीति का नक्शा तैयार करने के लिए कहा था जिसमें
नशों की कुरीति को ख़त्म करने में शामिल उन सभी को पारदर्शी तरीकों से एन.डी.पी.एस
एक्ट के तहत नकद पुरुस्कार देने की स्पष्ट व्यवस्था होगी।
इस नीति के तहत सूचना देने वाले उन
व्यक्तियों, जिनकी सूचना के आधार पर नारकोटिक ड्रग /साईकोटरोपिक सब्स्टांसिज
/कंटरोलड सब्स्टांसिज़ पकड़े जाने के इलावा, उनकी ग़ैर -कानूनी ज़ायदादें ज़ब्त
होगी, के लिए उपयुक्त पुरुस्कार दिया जायेगा।
केंद्र सरकार या राज्य सरकार के
अधिकारी /कर्मचारी (भारत सरकार की कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अफ़सर, प्रोसीक्युटर, पुलिस अधिकारी) जो
चैप्टर 5 ए के तहत ग़ैर -कानूनी प्राप्त की जायदादों को ज़ब्त कराने के लिए
सफलता हासिल करेंगे या सफलतापूर्वक मुकदमा चलाने को यकीनी बनाऐंगे या सफलतापूर्वक
जांच करवाएंगे और इन वस्तुओं की बरामदगी करवाएंगे, उनको इस नीति के तहत पुरुस्कार के लिए
विचारा जायेगा।
कार्यालय प्रमुख के नेतृत्व में हरेक
जिले/यूनिट /विभाग की एक तीन सदस्यीय कमेटी, निर्धारित दिशा-निर्देशों के आधार पर
मामलों का जायज़ा लेगी और यह पुरुस्कार देने के लिए ए.डी.जी.पी /एस.टी.एफ को अपनी
सिफारिशें भेंजेगी।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इन
सिफारिशों की जांच एस.टी.एफ हैडक्वाटर के अधिकारियों की एक कमेटी द्वारा की जायेगी
और यह ए.डी.जी.पी /एस.टी.एफ को भेजी जाएंगी।
प्रवक्ता के अनुसार ए.डी.जी.पी
/एस.टी.एफ 60 हज़ार रुपए तक के पुरुस्कार की पुष्टि करेंगे। हालाँकि उपरोक्त
सारी राशि के लिए पंजाब के डी.जी.पी अंतिम अथॉरिटी होंगे।
सरकारी अधिकारी /कर्मचारी आम तौर पर
नीति में दर्शाए गए पुरुस्कार का कम से कम 50 प्रतिशत तक के लिए योग्य होंगे। इस सीमा
से ऊपर के पुरुस्कार सिफऱ् उन मामलों में विचारे जाएंगे जिनमें सरकारी अधिकारी
/कर्मचारी अपने आप को निजी तौर पर भारी जोखिम में डालेगा या मिसाली हौंसले का
प्रगटावा करेगा और उसकी निजी कोशिशों इन वस्तुओं की प्राप्ति के लिए सहायक होंगी।
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