बुड्डा पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में 15 आपराधिक मामलों में चल रहा है मुकदमा, बुड्डा के खालिस्तानी -समर्थकी संबंध होने की भी आशंका
चंडीगढ़, 22 नवंबर:गैंगस्टरों के विरुद्ध चलाई विशेष मुहिम के अंतर्गत एक बड़ी सफलता दर्ज करते हुए पंजाब पुलिस ने आज रात नामी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह धालीवाल उर्फ बुड्डा को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ़्तार करने के लिए अरमेनिया से सफलतापूर्वक हवालगी प्राप्त की है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि बुड्डा ने आधी रात के करीब दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरना है, और पंजाब पुलिस की टीम द्वारा उसको हिरासत में ले लिया जायेगा।
दविन्दर बम्बीहा गिरोह का स्व-घोषित प्रमुख बुड्डा कत्ल, कत्ल की कोशिश, बलात्कार, गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (यू.ए.पी.ए.) आदि के 15 से अधिक आपराधिक मामलों में कानून का सामना कर रहा था, वह भी हाल ही में अपने खालिस्तान समर्थकीय तत्वों के साथ सम्पर्कों के लिए नोटिस आया था।
बुड्डा को साल 2011 के एक कत्ल केस में दोषी घोषित किया था, परन्तु वह 2016 में पैरोल के दौरान भाग गया था और उसे भगौड़ा करार दिया गया था। पंजाब में अलग- अलग आपराधिक, बलात्कार और गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए जि़म्मेदार बुड्डा के खि़लाफ़ भी हरियाणा के अलग- अलग थानों में केस दर्ज हैं।
बुड्डा पुत्र मेजर सिंह निवासी कुस्सा, तहसील - नेहाल सिंह वाला, जिला मोगा, कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा गैंगस्टरों के खि़लाफ़ आरंभ की गई मुहिम के मद्देनजऱ देश से भाग गया था। पंजाब पुलिस जोश से उसका पीछा करती रही परन्तु यूएई में उसको काबू करने में असफल रही। डीजीपी के अनुसार आखिर में उसको अरमेनिया में ढूँढ लिया गया, जिसके बाद पंजाब पुलिस को इंटरपोल द्वारा लुक आऊट सर्कुलर (एलओसी) और रैड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) मिला था।
8 अगस्त, 2019 को अरमेनिया की पुलिस ने बुड्डा को पकड़ लिया। इसके तुरंत बाद, यूरोप में कुछ खालिस्तान समर्थकीय कार्यकर्ता ने बुड्डा की गिरफ़्तारी संबंधी फेसबुक पर एक अपडेट प्रकाशित किया था, जिसको ‘पंजाब में खालिस्तान के लिए एक मज़बूत आवाज़’ कहा गया था। दरअसल बुड्डा ने इससे पहले नाभा जेल के अंदर कत्ल किये गए डेरा सच्चा सौदा के एक कार्यकर्ता मनिन्दर पाल बिट्टू के ख़ात्मे के लिए अपने फेसबुकअकाउंट पर जि़म्मेदारी ली थी।
इसके बाद हरकमलप्रीत सिंह खाख, एआईजी काउन्टर इंटेलिजेंस, जालंधर और बिक्रम बराड़, डीएसपी ओसीसीयू के नेतृत्व अधीन एक विशेष पंजाब पुलिस टीम को फरार अपराधी को देश लाने के लिए तालमेल हेतु नियुक्त किया गया था।
बुड्डा के पुराने अपराधों का विवरण देते हुए डीजीपी ने कहा कि गैंगस्टर पंजाब में चोरों के धंधो में सक्रियता के साथ शामिल था और विक्की गौंडर की मौत के बाद राज्य का सबसे खतरनाक अपराधी के तौर पर बदनाम था। वह अप्रैल 2017 में पंजाबी गायक / अदाकार परमीश वर्मा पर हुए हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। वह कथित तौर पर अन्य मशहूर पंजाबी गायकी / अदाकार (मशहूर पंजाबी गायिका / अदाकार गिप्पी गरेवाल समेत) और वट्सएैप पर कारोबारियों से वसूली करने की धमकियों के पीछे भी था। सुखप्रीत उर्फ बुड्डा के दिशा- निर्देशों पर एक मशहूर पंजाबी गायक करन औजला पर भी कैनेडा में हमला किया गया था।
जिस केस में उसको गिरफ़्तार किया गया था और 20-03-2011 को एक जुगराज सिंह पुत्र परमिन्दर सिंह निवासी गाँव कुस्सा के कत्ल से सम्बन्धित पैरोल से भाग निकला था। ताजपुर चौंक रायकोट के एक कार छीनने के केस में बुड्डा के खि़लाफ़ भी पी.ओ की कार्यवाही चल रही थी। बुड्डा के खि़लाफ़ कुछ अन्य मामलों का विवरण देते हुए डीजीपी ने कहा कि फरीदकोट के पीएस जैतो में चावल मिल मालिक रवीन्दर कोचर पर ज़बरदस्ती और कत्ल केस में उसे मुलजि़म भी ठहराया गया था।
उसके खि़लाफ़ अन्य केस सिरसा (हरियाणा) के साथ-साथ रायकोट (लुधियाना), सरहिन्द (फतेहगढ़ साहिब) और शंबू (पटियाला) में आर्मज़ एक्ट के अधीन शामिल हैं। उसके खि़लाफ़ पटियाला में एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत केस भी दर्ज किया गया था।
डीजीपी ने कहा कि बुड्डा को भगौड़ा घोषित किया गया था या उसके खि़लाफ़ पीओ की कार्यवाही चल रही थी। उन्होंने कहा कि कई मामलों में उसे पंजाब लाए जाने पर और पूछताछ होने के बाद और खुलासे होने की उम्मीद की जा रही थी।
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