चंडीगढ़ 16 जून
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी केंद्र सरकार द्वारा कृषि मंडीकरण कानूनों में संशोधन किए जाने के विरुद्ध राज्य स्तर पर जन आंदोलन 19 जून से आरंभ करने जा रही है। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुनील जाखड़ ने आज इस संबंधी पार्टी के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों व अन्य पदाधिकारियों के साथ बुलाई एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी ।
श्री सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों फसलों के मंडीकरण संबंधी 3 नए अध्यादेश लाए गए हैं। यह तीनों कानून कृषि की तालाबंदी करने के समान है क्योंकि इनके लागू होने के बाद खेती सेक्टर के लिए चलते रहना संभव ही नहीं रहेगा ।
श्री जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने की योजनाबंदी यह कानून लागू करके कर दी है । श्री जाखड़ ने कहा कि इन कानूनों के खेती समेत पंजाब की पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में किसानों व अन्य वर्गों को सूचित करने के लिए पार्टी यह जन जागरण मुहिम शुरू करेगी। इसकी शुरुआत फतेहगढ़ साहिब जिले से होगी व इसके बाद फिर सभी जिला हेडक्वार्टर पर इस तरह के लघु समागम करके इनमें जिले के विधायकों व जिले के पदाधिकारियों, सरपंचों, जिला परिषद व ब्लाक समिति के मेंबरों को इन कानूनों के खेती पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में बताया जाएगा, ताकि ये लोग आपके गांव में जाकर आम लोगों को इसकी जानकारी दे सकें I इस दौरान लोगों को भाजपा की नीयत व इस मुद्दे पर अकाली दल की चुप्पी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
श्री जाखड़ ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार की इच्छा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त करने की है ।अगर ऐसा हुआ तो न केवल किसान बल्कि आढतिए ट्रांसपोर्ट वह इस सेक्टर से जुड़े अन्य लोगों का भी नुकसान होगा। यह प्रदेशों के हितों के लिए भी घातक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि देश की अनाज सुरक्षा व करोड़ों किसानों के हितों की रक्षा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को कायम रखें जाना आवश्यक है। जिन राज्यों में ऐसे मंडी कानून लागू किए गए थे वहां किसानों की बड़े स्तर पर लूट हो रही है । इसके बिना केंद्र सरकार का यह निर्णय देश के संघीय ढांचे की मूल भावना के विपरीत है। इससे राज्यों को फसलों के मंडीकरण से होने वाली आय प्रभावित होगी जो कि गांवों के विकास पर खर्च की जाती थी। इस अवसर पर उन्होंने सभी पार्टी पदाधिकारियों को अपील की कि वे केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ गांव गांव पहुंचकर एक एक किसान तक जाकर उसको इसके बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी दें। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोविड-19 के चलते आज्ञा मिलेगी तो पंजाब के विधायक पंजाब भवन दिल्ली से प्रधानमंत्री निवास तक रोष मार्च भी करेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, बलबीर सिंह सिद्दू, गुरप्रीत सिंह कांगड़, सांसद अमर सिंह, विधायक अमरीक सिंह ढिल्लों, बरिन्द्रमीत सिंह पहाड़ा, दर्शन सिंह बराड़, धर्मवीर अग्निहोत्री, डॉक्टर राजकुमार चब्बेवाल, गुरकीरत सिंह, गुरप्रीत सिंह जी पी, हरमंदर सिंह गिल, हर प्रताप सिंह अजनाला, कुलबीर सिंह जीरा, कुलजीत सिंह नागरा, लखबीर सिंह लक्खा, प्रीतम सिंह कोटभाई, राजेंद्र सिंह, संगत सिंह गिलजिया, तरसेम सिंह डीसी, चौधरी सुरेंद्र सिंह, नवतेज सिंह चीमा, सुखपाल सिंह भुल्लर, अवतार संधेड़ा, अमित विज,सुखजीत सिंह काका लोहगढ, हरदयाल सिंह कंबोज, देवेंद्र सिंह घुबाया, राजकुमार वेरका, इंद्रबीर सिंह बुलारिया, मुख्यमंत्री के राजसी सचिव संदीप सिंह संधू, पंजाब यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विरेंद्र सिंह ढिल्लों , अध्यक्ष एनएसयूआई अक्षय शर्मा व विभिन्न जिलों से संजीव बैंस, के के नंदा, दीपिंदर सिंह ढिल्लों व खुशबाज सिंह जटाना आदि भी उपस्थित थे