कहा कि थर्मल प्लांट की जमीन पर इंडस्ट्रिलय पार्क स्थापित करने का वित्तमंत्री का दावा खोखला, क्योंकि बठिंडा इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर का कोइ खरीददार नही
सरकार से 8,675 व्यक्तियों द्वारा जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों की संख्या घटाने के अपने फैसले को वापिस लेने को कहा
बठिंडा/17जुलाई: शिरोमणी अकाली दल ने कहा है कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के एक करीबी रिश्तेदार सहित कांग्रेस के बड़े शार्क अपने स्वार्थ के लिए गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को बेच रही थी। पार्टी ने सरकार से जलसंसाधन विभाग में कर्मचारियों की संख्या घटाने के अपने फैसले को 8,675 कर्मचारियों तक कम करने के फैसले को वापिस लेने की मांग की है। उन्होने कहा कि कांगेस सरकार ने ‘घर घर नौकरी योजना’ के तहत् कोई नौकरी नही दी, लेकिन जल संसाधन विभाग की स्वीकृति संख्या को 24,263 कर्मचारियों से घटाकर 15,606 कर दिया गया था। पार्टी ने घोषणा की कि वह इस कर्मचारी विरोधी कदम का विरोध करेंगे। यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अकाली नेताओं सिकंदर सिंह मलूका और श्री सरूप चंद सिंगला के अलावा यूथ अकाली दल के अध्यक्ष परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बठिंडा थर्मल प्लांट की 1764 एकड़ जमीन को एक इंडस्ट्रिलय पार्क के नाम कर बड़े शार्कों को बेची जा रही है। इस कदम की निंदा करते नेताओं ने कहा कि बठिंडा और गिद्दड़बाहा के इलाकों में वित्तमंत्री द्वारा जमीन कब्जे में करने की शिकायतें आई थी। लोग पहले से ही जोजो टैक्स जो वित्तमंत्री के करीबी रिश्तेदार द्वारा इकट्ठा किया गया था का भुगतान कर रहे हैं। अब ये वही लोग दावा कर रहे हैं कि थर्मल प्लांट पर एक औद्योगिक पार्क बनेगा। यह केवल एक दिखावा मात्र ही है क्योंकि बठिंडा में औद्योगिक विकास केंद्र पहले से ही खाली पड़ा था। जिसमें निवेशकों मौजूदा उद्योगपतियों पर लगाया गया जजिया टैक्स जैसे जबरन वसूली के कारण शहर में निवेश करने के लिए तैयार नही थे। वित्तमंत्री को साठ बड़े उद्योग लाने के अपने वादे की याद दिलाते हुए वरिष्ठ नेताओं ने उनसे पहले यह बताने के लिए कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में उन्होने राज्य तथा बठिंडा को कितने उद्योग लगवाए हैं। सरदार मलूका ने वित्तमंत्री से कहा कि जब इस मुद्दे पर अपना ट्रेक रिकॉर्ड एक बड़ा शून्य है तो आप बठिंडा के नागरिकों से यह विश्वास करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि आप एक औद्योगिक पार्क बनाने के लिए एक प्रतिष्ठित थर्मल प्लांट को समाप्त कर रहे हैं और जल्द लाभ कमाने के लिए जमीन नही बेच रहे हैं? थर्मल प्लांट के बारे में बोलते हुए सरदार मलूका, श्री सिंगला और सरदार रोमाणा ने कहा कि पूर्ववर्ती अकाली-भाजपा सरकार ने 2031 तक इस प्लांट को अपग्रेड करने के लिए 700 करोड़ रूपये खर्च किए थे। उन्होने कहा कि इस प्लांट को बंद करने में सरदार मनप्रीत बादल का तर्क धोखापूर्ण था। एक तरफ वित्तमंत्री को अकाली-भाजपा कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित पीपीए के बारे में संदेह है और उसने प्राईवेट प्लांटस् से प्राप्त बिजली की लागत पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ साथ सरदार मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि प्राईवेट संयत्रों से खरीदी जा रही बिजली इतनी सस्ती है कि उसने सरकार को राज्य के स्वामित्व वाले बठिंडा संयंत्र को बंद करने को मजबूर कर दिया। अर्थशास्त्र का सरल नियम है, यदि आप प्लांट को अनुकूलतम क्षमता पर नही चलाते हैं तो यह प्रति इकाई उत्पादन लागत को प्रभावित करेगा। कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर अपनी बिजली लागत को अलाभकारी बनाने के लिए दस फीसदी क्षमता पर प्लांट चलाया। नेताओं ने थर्मल प्लांट के कर्मचारियों के साथ एकजुटता जताई, जिन्हे नौकरी से हाथ धोना पड़ा और उन्हे अपने घर खाली करने पड़े।
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