श्री मुक्तसर साहिब - फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक प्रारंभ होता है, जो होलिका दहन के दिन तक चलता है। इस वर्ष होलाष्टक का प्रारंभ 21 मार्च से हो रहा है, जो 28 मार्च दिन रविवार होलिका दहन तक रहेगा। होलाष्टक में शुभ कार्यों के करने पर पाबंदी होती है क्योंकि भक्त प्रह्लाद को इन 8 दिनों तक काफी यातना दी गई थी। इस वजह से इन 8 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ये जानकारी गांधी नगर स्थित कार्यक्रम में सनातन धर्म प्रचारक प्रसिद्ध विद्वान ब्रह्मऋषि पं. पूरन चंद्र जोशी ने होलाष्टक के संबंध में जानकारी देते हुए दी।उन्होंने कहा कि जागरण अध्यात्म में आज हम आपको बता रहे हैं कि होलाष्टक के समय में से ये शुभ कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
नौकरी परिवर्तन से बचें
पं. जोशी के अनुसार होलाष्टक के समय में आपको नौकरी के संबंध में थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। इस समय में न तो कोई नई नौकरी ज्वाइन करें और न ही इस्तीफा दें। नई नौकरी के लिए ये 8 दिन शुभ नहीं होते हैं। यदि आप इन दिनों में नई नौकी ज्वाइन करते हैं तो तरक्की में कई बाधाएं आएंगी। ऐसी ज्योतिष की मान्यताएं हैं।जमीन, प्लॉट या नया मकान न खरीदें
जमीन, प्लॉट या मकान न खरीदें यदि आप जमीन, मकान या प्लॉट लेने की सोच रहे हैं तो उसे 21 मार्च से पूर्व ले लें या फिर 28 मार्च के बाद लें। होलाष्टक के समय में जमीन जायदाद खरीदने के मामले में फैसले लेने से बचें।
गृह प्रवेश से भी बचें
होलाष्टक के समय में गृह प्रवेश वर्जित माना गया है। आपका मकान बन गया है और गृह प्रवेश करना है तो होलाष्टक से पूर्व या बाद के किसी शुभ मुहूर्त का चयन करें। यदि इस दौरान गृह प्रवेश करते हैं तो उस घर में दरिद्रता का वास हो सकता है।विवाह या सगाई कार्य भी हैं वर्जित
होलाष्टक के समय में आपको विवाह, जोड़ों का मेल या फिर सगाई जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के समय में किए गए ये कार्य अपशकुन वाले होते हैं। विवाह या फिर दाम्पत्य जीवन में संबंध टूटने का डर रहता है।
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