
आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो कि शरीर की वृद्धि व विकास के साथ ही बहुत से हार्मोन व एंजाइम के निर्माण के लिए आवश्यक है। आयोडीन बढ़ते शिशु के दिमाग के विकास व थायराइड ग्रंथि के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए अनिवार्य है। आयोडीन का भ्रूण के मानसिक विकास से वृद्ध के शारीरिक विकास क्रम तक महत्वपूर्ण योगदान है। आयोडीन की कमी से बच्चों में बौद्धिक एवं शारीरिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है। 2020 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 350 मिलियन लोग अल्प मात्रा में आयोडीन युक्त नमक का सेवन करते हैं, जिसके कारण आयोडीन की कमी से संबंधित बीमारी उपन्न होती है। इसके प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को 'ग्लोबल आयोडीन डेफिशियेंसी डिसऑर्डर प्रीवेंशन डे' मनाया जाता है। डा. जतिंदर पाल सिंह ने बताया कि विश्व आयोडीन अल्पता दिवस का उद्देश्य लोगो को आयोडीन के पर्याप्त उपयोग के बारे में जागरूक करना व आयोडीन की कमी के परिणामों के बारे में बताना है। साथ ही आयोडीन की कमी से होने वाली बिमारियों के लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि आयोडीन की कमी से मानसिक विकार, घेंघा, मृतक बच्चा पैदा होना, हाइपोथायरायडिज्म, असामान्य बुद्धि, न्यूरोमस्कुलर कमजोरी, सुनने व देखने में कमी और बोलने में परेशानी, गर्भ में मृत्यु आदि बिमारियों व परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दिवस के माध्यम से लोगों को आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों की पहचान करने व उन्हें अपने आहार में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। बीईई मनबीर सिंह ने बताया कि आयोडीन शरीर के अंदर उत्पन्न नहीं होता है। इसलिए इसे नियमित रूप से भोजन के रूप में ग्रहण किया जाना चाहिए। एक पूर्ण विकसित वयस्क के मस्तिष्क और शरीर को ठीक से काम करने के लिए शरीर में प्रत्येक दिन 150 माइक्रोग्राम और एक चुटकी जितने आयोडीन की आवश्यकता होती है। आयोडीन का सबसे सामान्य स्रोत नमक है। इसलिए हमें आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करना चाहिए। आयोडीन कुछ अन्य खाद्य पदार्थों जैसे दूध, अंडे, समुद्री मछली, समुद्री भोजन, मांस इत्यादि में भी मौजूद होता है, जिसे रोजाना भोजन में शामिल कर सकते हैं। मूली, गाजर, टमाटर, पालक आदि सब्जियों में अल्प मात्रा में आयोडीन पाया जाता है। केला, स्ट्राबेरी फलों में भी आयोडीन पाया जाता है। इस अवसर पर डा. अमरिंदर सिंह, डा. अलीशा, बी.ई.ई मनबीर सिंह, एस.आई परमजीत सिंह, अन्य स्टाफ व लोग मौजूद थे।