नरमे पट्टी के प्रभावित जिलों के डिप्टी कमीश्नर हर हाल में 29 अक्तूबर तक नुक्सान की रिपोर्ट भेजे : चन्नी

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 सूंडी के हमले से प्रभावित नरमा उत्पादकों का साथ देने के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता प्रकट की

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर:

दक्षिणी पंजाब के नरमा पट्टी के किसानों की मदद का भरोसा देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नरमा के नुक्सान से प्रभावित जिलों के डिप्टी कमीश्नरों को 29 अक्तूबर तक हर हाल में मुकम्मल रिपोर्ट भेजने के लिए कहा जिससे उनको जल्द से जल्द मुआवज़ा दिया जा सके।

नरमे पट्टी के प्रभावित जिलों के डिप्टी कमीश्नर हर हाल में 29 अक्तूबर तक नुक्सान की रिपोर्ट भेजे : चन्नी


मुख्यमंत्री ने नरमा उत्पादकों को भरोसा दिया कि राज्य सरकार इस नाजुक समय में उनका साथ देने के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने नरमा उत्पादकों से आह्वान किया कि जिन किसानों की फ़सल गुलाबी सूंडी के कारण बर्बाद हुई है, वे विरोधी पार्टियों के झूठे प्रचार से गुमराह न हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तन-मन से किसानों के साथ खड़ी है और उनके हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। चन्नी ने कहा कि मैं राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर जि़म्मेदारी संभालने के तुरंत बाद उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा के साथ प्रभावित गाँवों नसीबपुरा और कटार सिंह वाला में गया था ताकि इस कठिन समय में संकट से घिरे किसानों के साथ एकजुटता अभिव्यक्ति जा सके।

इस दौरान वित्त कमिश्नर राजस्व वी.के. जंजूआ ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि नरमे की फ़सल के नुक्सान का अनुमान लगाया जा रहा है और प्रभावित किसानों को जल्द ही मुआवज़ा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पाँच जिलों, जहाँ सम्बन्धित डिप्टी कमीश्नरों की तरफ से नरमे को नुक्सान की रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं, से प्राथमिक रिपोर्ट और अनुमान प्राप्त करने के बाद नरमे को पहुँचे असली नुक्सान का पता लगाने के लिए विशेष गिरदावरी के हुक्म पहले ही दे दिए गए हैं।

वित्त कमिश्नर राजस्व के मुताबिक गिरदावरी रिपोर्टों को तस्दीक करने के लिए डिप्टी कमीश्नरों को विशेष और सख़्त हिदायतें जारी कर दीं गई हैं और क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों की तरफ से सत्यापन के बाद सम्बन्धित डिप्टी कमीश्नरों के सर्टीफिकेट के अंतर्गत निर्धारित प्रोफार्मे में रिपोर्टों सरकार को भेजी जानी हैं।

मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत वित्त कमिश्नर राजस्व ने शुक्रवार को पाँच जिलों के डिप्टी कमीश्नरों के साथ वीडीयो कॉन्फ्रेंस करके सत्यापन प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिए कि 29 अक्तूबर, 2021 तक मुकम्मल रिपोर्टें भेजना यकीनी बनाया जाए।

बता दें कि मानसा, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, बरनाला और संगरूर जिलों से प्राथमिक रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं। सभी रिपोर्टें प्राप्त करने के बाद इनको मुख्य सचिव के नेतृत्व वाली राज्य कार्यकारी समिति के समक्ष मुआवज़े के लिए रखा जायेगा और निर्धारित नियमों के मुताबिक पीडि़त किसानों को मुआवज़ा जारी कर दिया जायेगा।


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