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पुस्तक संस्कृति पैदा करने का आह्वान, 693 स्कूल लाइब्रेरियनों को नियुक्ति पत्र सौंपे

 शिक्षा विभाग में 18,900 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रियाधीन, जल्द सौंपे जाएंगे नियुक्ति पत्र

पुस्तक संस्कृति पैदा करने का आह्वान, 693 स्कूल लाइब्रेरियनों को नियुक्ति पत्र सौंपे
चंडीगढ़, 11 अक्टूबर:

शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने पुस्तकालय और पुस्तकों का विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को निखारने में अहम योगदान बताते हुए लाइब्रेरियनों को स्कूलों में पुस्तक संस्कृति पैदा करने का आह्वान किया। वह आज यहाँ चण्डीगढ़ के सैक्टर-35 स्थित म्युंसीपल भवन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नए भर्ती 693 स्कूल लाइब्रेरियनों को नियुक्ति पत्र सौंपने के मौके पर संबोधन कर रहे थे।
स. परगट सिंह ने संबोधन करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए स्कूली पाठ्यक्रम के अलावा साहित्यिक, खेल आदि गतिविधियों का अहम रोल होता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों को तंदुरुस्त रखने के लिए ध्यान, योग और शारीरिक शिक्षा से सम्बन्धित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए, क्योंकि सेहतमंद शरीर में ही सेहतमंद दिमाग़ का वास होता है।
लाइब्रेरियनों की भर्ती से स्कूलों के पुस्तकालयों को नया रूप मिलेगा। उन्होंने नए भर्ती हुए लाइब्रेरियनों का विभाग में स्वागत करते हुए कहा कि आज के बच्चे इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों के साथ ज़्यादा जुड़े हुए हैं, जिनको किताबों के साथ जोडऩे के लिए प्रयास किए जाएँ।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षा को रोज़गारोन्मुख बनाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि पाठ्यक्रमों को तैयार करने के मौके पर उद्योगों की माँग और रोजग़ार की संभावनाओं को देखना ज़रूरी है, जिससे स्नातक करने के उपरांत विद्यार्र्थी अपने पैरों पर खड़े हो सकें। उन्होंने नौजवानों को भी राज्य के विकास में अपना योगदान देने के लिए रचनात्मक और सकारात्मक सोच के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।
स. परगट सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा पिछले साढ़े चार सालों में 14,500 अध्यापकों की भर्ती की गई है और आज सौंपे गए नियुक्ति पत्रों के अलावा 18,900 और अध्यापकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है जिसे जल्द मुकम्मल करके चुने गए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। उन्होंने अध्यापक संगठनों की माँगों और उनकी शिकायतों के हल के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो मामले हल हो सकते हैं, उनका तुरंत हल निकाला जाए।
इससे पहले शिक्षा सचिव श्री अजोए शर्मा ने संबोधन करते हुए कहा कि एस.एस. बोर्ड द्वारा पारदर्शी ढंग से केवल मेरिट के आधार पर भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय का विद्यार्थी जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है। उन्होंने कहा कि यह भर्ती विद्यार्थियों में पढऩे की रुचि पैदा करने, शिक्षा हासिल करने के तरीकों में और रचनात्मक सुधार लाने और स्कूल शिक्षा में क्रांतिकारी तबदीलियाँ लाने में मील पत्थर साबित होगी।
डी.पी.आई. (सेकेंडरी शिक्षा) श्री सुखजीत पाल सिंह ने कहा कि लाइब्रेरियनों की भर्ती मानक शिक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों में पढऩे की आदत विकसित होगी।
इस मौके पर डायरैकटन जनरल स्कूल शिक्षा श्री बी. श्रीनिवासन भी उपस्थित थे।

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