अमृतसर में चावल-कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने हेतु आवंटित की जाएगी भूमि

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 पंजाब सरकार प्रदेश में पैदा न होने वाली बासमती की किस्मों की राज्य में आमद संबंधी अनुमति देने के बारे में करेगी समीक्षा

अमृतसर में चावल-कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने हेतु आवंटित की जाएगी भूमि

चंडीगढ़, 6 अक्तूबर:

पंजाब सिविल सचिवालय में पंजाब राइस मिलर्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के साथ बैठक में पंजाब के उपमुख्यमंत्री ओ पी सोनी ने भरोसा दिया कि राज्य सरकार अन्य राज्यों से बासमती की उन किस्मों की आमद की अनुमति देने की समीक्षा करेगी, जो पंजाब में पैदा नहीं होती हैं। इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने उप मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त रूप से की।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक अग्रणी कृषि राज्य है और पंजाब के बासमती चावल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने बासमती उत्पादन और निर्यात इकाइयों को उनके काम-काज को निर्विघ्र चलाने के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने चावल निर्यातकों की अमृतसर में एक चावल-कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की मांग को स्वीकार कर लिया, जिसमें निर्यातक अंतर्राष्ट्रीय बासमती शिपमेंट के इनकार से बचनेे के लिए पूर्व-खरीद नमूना परीक्षण करवा सकते हैं। यह लैब गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के पास स्किल डेवलपमेंट सेंटर में स्थापित की जाएगी। इस मौके पर चावल निर्यातकों ने उन किसानों को प्रीमियम देने का वादा किया जो कीटनाशक मुक्त बासमती का उत्पादन करेंगे।
वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार 15 दिनों में एसोसिएशन की मांगों की समीक्षा करेगी और कैबिनेट की मंजूरी और कानून अनुसार चावल उद्योग के लिए किए गए सभी वादों को पूरा करेगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने स्पष्ट रूप से बताया कि विभाग को अन्य राज्यों से बासमती की आमद पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पिछले समय में इस उद्योग में अनाचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार ने किसानों के हितों और राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था। मर्केट फीस, वित्तीय प्रोत्साहन आदि से संबंधित एसोसिएशन की जायज़ मांगों पर फिर से गौर करने के लिए उन्होंने एक विभागीय अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी।

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