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मिल्कफैड द्वारा मुहैया करवाए जाने वाले विशेष सीमन से पैदा होंगे सिर्फ़ मादा पशु - रंधावा

 मिल्कफैड की तरफ से दूध उत्पादकों के लिए तैयार जानकारी भरपूर पुस्तिका जारी


चंडीगढ़, 6 अक्तूबरः

डेयरी धंधे को और लाभप्रद बनाने, दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने और आवारा सांडों और बैलों से निजात पाने के लिए मिल्कफैड द्वारा पृथक प्रयास करते हुए दूध उत्पादकों के लिए उच्च कोटी के सांडों और बैलों का ऐसा सीमन उपलब्ध करवाया जायेगा जिससे सिर्फ़ मादा पशु ही पैदा होंगे।
मिल्कफैड द्वारा मुहैया करवाए जाने वाले विशेष सीमन से पैदा होंगे सिर्फ़ मादा पशु -  रंधावा

इस तरह नर पशुओं की पैदायश रोककर मादा पशुओं की पैदायश बढ़ाई जा सकेगी।
यह खुलासा उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहाँ मिल्कफैड कार्यालय में वेरका की तरफ से दूध उत्पादक किसानों के लिए तैयार की जानकारी भरपूर पुस्तिकों को जारी करते हुये कही। इस मौके पर उनके साथ ख़ाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री श्री भारत भूषण आशु, विधायक श्री सुरजीत धीमान, श्री नत्थू राम और श्री अवतार सिंह बावा हेनरी और मिल्कफैड के एम.डी. श्री कमलदीप सिंह संघा और एक्स्टेंशन माहिर श्री इन्द्रजीत सिंह भी उपस्थित थे।
स. रंधावा कहा कि एक गाय से पूरी उम्र के दौरान अधिक दूध देने वाली अधिक बछड़ियां पैदा करके न सिर्फ़ दूध की पैदावार ही बढ़ेगी बल्कि नर पशु पालन पर किया जा रहा बेकार खर्चा भी बच सकेगा और पशु पालकों की आर्थिक हालत बेहतर होगी। आवारा नर पशुओं से होने वाले फसलों के नुक्सान और सड़की दुर्घटनाओं को घटाया जा सकेगा।

मिल्कफैड के एम.डी. श्री कमलदीप सिंह संघा ने बताया कि वेरका की तरफ से विदेशी नसल की होलस्टीन फ्रीज़ीन गाएँ जिन्होंने पूरे सूए दौरान 15,000 लीटर से अधिक दूध दिया हो और जर्सी गाएँ जिन्होंने पूरे सूए (गाय द्वारा बच्चा देने के बाद दूध देना बंद होने तक का समय ) के दौरान 8300 से अधिक लीटर दूध दिया हो, से पैदा किये गए सांडों का सैक्स सोर्टिड सीमन सभी कृत्रिक गर्भदान की सुविधा देने वाली सभाओं पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।

श्री संघा ने बताया कि विदेशी गायों के लिए यह सीमन अमरीका, कैनेडा, जर्मनी और डेनमार्क के उच्च कोटी के सांडों से हासिल किया गया है। यहाँ तक कि मुर्रा नसल की भैंस और देसी नसल की साहिवाल गाय के व्यापक नसल सुधार के लिए भी सर्वोत्तम सीमन वेरका से जुड़े दूध उत्पादकों को मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने समूह दूध उत्पादकों से अपील की कि वह अपनी दूध सभा के कृत्रिम गर्भदान करने वाले कामगार या मिल्कफैड के फील्ड स्टाफ के साथ संपर्क करके अपने दुधारू पशुओं को सिर्फ़ केवल मादा पशु पैदा करने वाले सीमन के साथ ही कृत्रिम गर्भदान करवाएं जिससे कि उनका लाभ बढ़ सके।

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