सरकारी कालेजों में खाली पड़े पद जल्द भरे जाएंगे- प्रगट सिंह

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 शिक्षा शास्त्रीयों ने मानक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अच्छे वेतन पैकेजों के साथ टीचिंग काडर को संतुष्ट करने पर दिया ज़ोर

कौशल-आधारित सिलेबस और उद्योगों की माँग अनुसार कोर्स शुरू करने की महत्ता को किया उजागर

सरकारी कालेजों में खाली पड़े पद जल्द भरे जाएंगे- प्रगट सिंह


चण्डीगढ़, 12 अक्तूबरः

उच्च शिक्षा क्षेत्र में सेवा निभाव रहे शिक्षा शास़्त्रीयों से ज़मीनी हकीकतों सम्बन्धी फीडबैक लेने की महत्ता पर ज़ोर देते हुये उच्च शिक्षा और भाषाएं संबंधी मंत्री स. प्रगट सिंह ने कहा है कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक खाका बनाने की बहुत ज़रूरत है। इस काम के लिए अकादमिक क्षेत्र के प्रसिद्ध माहिरों और शिक्षा शास्त्रीयों के साथ निरंतर बातचीत करने के लिए एक प्रक्रिया विकसित की जानी चाहिए।

उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा पद संभालने के बाद स. प्रगट सिंह ने इस तर्ज़ पर प्रमुख शिक्षा शास्त्रीयों के साथ पहली मीटिंग पंजाब भवन, चण्डीगढ़ में की। इस मीटिंग में राज्य के यूनिवर्सिटियों के पूर्व और मौजूदा उप कुलपतियों, प्रो. चांसलरों, प्रिंसिपल और अध्यापकों समेत लगभग 30 शिक्षा शास्त्रीयों की तरफ से उच्च शिक्षा के स्तर को भविष्य में और ऊँचा उठाने और पंजाब को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अगले स्तर पर ले जाने के लिए ज़रुरी कदमों संबंधी अपने विचार सांझे किये। मीटिंग में उच्च शिक्षा के सचिव श्री कृष्ण कुमार, डीपीआइ (कालेज) श्री परमजीत सिंह और सहायक डायरैक्टर (कालेज शिक्षा) डा. गुरदर्शन बराड़ भी उपस्थित थे।

अपने शुरूआती संबोधन में स. प्रगट सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा विद्यार्थियों के जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सीधा नौजवानों के साथ जुड़ा है जिन्होंने देश की बागडोर संभालनी है।
कालेज शिक्षा प्रणाली को मौजूदा नौजवानों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुये उनको समाज के ज़िम्मेदार नागरिक बनाने के साथ साथ उनको रोज़गार के योग्य बनाने के लिए ज़रुरी कौशल के साथ लैस किया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए थोड़े समय और लम्बे समय की योजनाएँ तैयार करने की सख़्त ज़रूरत है। कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार सरकारी कालेजों में भर्ती को लेकर बहुत गंभीर है और जल्द ही कालेजों में खाली पड़े पद भर दिये जाएंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह सभी सम्बन्धित लोगों को अपना योगदान डालने के लिए प्रेरित करते रहेंगे जिससे उच्च शिक्षा और खोज पर ख़र्च को बढ़ाया जा सके।

उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए रोडमैप के विकास के लिए तालमेल बनाने के लिए स. प्रगट सिंह ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में अलग-अलग मुद्दों के हल के लिए एक कमेटी और कई उप-कमेटियाँ बनाने का सुझाव भी दिया। तीन घंटों से अधिक चले इस सैशन में मौजूद सभी माहिरों और दूसरों की तरफ से इस सैशन की बहुत सराहना की गई।

गुरू नानक नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर के पूर्व वाइस चांसलर और प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री डा. एस. पी. सिंह ने अपने काडर से संतुष्ट होने की महत्ता पर रौशनी डाली और बताया कि मौजूदा समय उच्च योग्यता प्राप्त अध्यापकों को बहुत कम वेतन दिये जा रहे हैं और उनके साथ बढ़िया व्यवहार भी नहीं किया जा रहा और इस तरह अध्यापन केवल एक पैसा बन गया है। इसलिए यह ज़रूरी है कि अध्यापकों और अध्यापन के पेशे को पहले दर्जे का चयन बनाने के लिए इसको सुरजीत किया जाये। उन्होंने कहा कि यू.जी.सी. के वेतन स्केल बिना किसी देरी के तुरंत लागू किये जाने चाहिएं।

मीटिंग में हिस्सा लेने वाले करीब सभी अकादमिक माहिरों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकारी कालेजों में खाली पदों को जितना जल्द संभव हो सके, पारदर्शी ढंग से भरा जाना चाहिए जिससे उच्च योग्यता वाले रेगुलर अध्यापकों की भर्ती की जा सके। एडिड कालेजों के नुमायंदों ने सरकार को यह भी विनती की कि एडिड कालेजों में उनकी ज़रूरत के मुताबिक अध्यापकों की नियमित नियुक्ति को मंज़ूरी दी जाये। एक मैनेजमेंट और राज्य में मंज़ूरशुदा पद को एक कालेज से दूसरे कालेज में तबदील करने की आज्ञा दी जानी चाहिए जिससे मानवीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया जा सके। इसके साथ ही काम के बोझ को ध्यान में रखते पोस्टों की नियमित समीक्षा की जानी चाहिए।

माहिरों ने एन.सी.सी. को एक विषय के तौर पर शुरू करने और शिक्षा को हुनर आधारित बनाने की इच्छा भी ज़ाहिर की। इस दिशा में औद्योगिक अकादमिक संचार की महत्ता को भी उजागर किया गया। इसी तरह शिक्षा शास्त्रीयों की तरफ से थोड़े समय के लिए सर्टिफिकेट कोर्स, अध्यापकों के लिए एक्सचेन्ज प्रोग्राम और कैरियर काउंसलिंग शुरू करने, राज्य भर में एक ही सिलेबस /योग्यता के मापदंड, अंतर यूनिवर्सिटी तालमेल कमेटियां बनाने, रिसोर्स पुल्लिंग और सैक्टर स्किल कौंसिल बनाने का समर्थन भी किया गया।

प्राईवेट कालेजों की तरफ से अपनाए जा रहे गलत ढंगों को भी प्रमुखता के साथ उभारा गया। यह ध्यान दिलाया गया कि बड़ी संख्या में प्राईवेट कालेज ख़ास कर ऐजूकेशन कालेज सिर्फ़ विद्यार्थियों को दाखि़ल करने संबंधी खुल कर इश्तेहार दे रहे हैं, उनका इसकी ओर कोई ध्यान नहीं कि विद्यार्थी नियमित आधार पर कालेज भी जाएँ। उच्च शिक्षा मंत्री की तरफ से सचिव को ऐसीं संस्थाओं पर तुरंत कार्यवाही करने के लिए कहा गया।

इस मौके पर विभाग के सचिव श्री कृष्ण कुमार ने शिक्षा माहिरों के साथ विचार-विमर्श करने की पहल करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री का धन्यवाद करते हुये भरोसा दिया कि सभी भागीदारों के सहयोग से उच्च शिक्षा के क्षेत्र को सुरजीत करने के लिए सभी ज़रुरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि मीटिंग में कई नये विचार रखे गए हैं जिन पर विचार किया जायेगा। उन्होंने इस नेक कार्य के लिए अपना कीमती समय देने और राज्य के अलग -अलग हिस्सों से इस मीटिंग में आने के लिए सभी भागीदारों का धन्यवाद भी किया।

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