चंडीगढ़, 14 दिसंबर:
लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उनके घर तक मुहैया करवाने के उद्देश्य के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में मंत्री मंडल ने आज 28 स्वास्थ्य संस्थाओं (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कम्युनिटी हैल्थ सैंटर और सब डिविजऩल अस्पताल आदि) को अपग्रेड करके सीनियर मेडिकल अफ़सर, मेडिकल अफ़सर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, लैबॉरेटरी टैक्नीशियन आदि समेत 775 पद सृजन करने की मंज़ूरी दे दी है, जो सक्रिय विचाराधीन है। मंत्री मंडल ने कम्युनिटी हैल्थ सैंटर मोरिंडा में नया ट्रॉमा सैंटर खोलने की मंज़ूरी भी दे दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार इन संस्थाओं के अपग्रेड होने के बाद अतिरिक्त स्टाफ की ज़रूरत पड़ेगी और स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए विभाग के नियमों के अनुसार विभिन्न काडरों के 706 नए पद सृजन किए जाएंगे। इसी तरह हादसे वाली घटनाओं में ज़ख़्िमयों को तुरंत चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए मंत्री मंडल ने पठानकोट और जालंधर में ट्रॉमा सेंटरों के लिए अलग-अलग काडर की 69 नए पद सृजन करने का फ़ैसला किया है। इस दौरान मंत्री मंडल ने इन स्वास्थ्य संस्थाओं को अपग्रेड करने के कारण विभाग के नियमों के अनुसार 50 पदों को ख़त्म करने की मंज़ूरी भी दे दी है।
केंद्रीय जेल, श्री गोइन्दवाल साहिब के लिए 513 पद सृजन करने और भरने की मंज़ूरी मंत्री मंडल ने श्री गोइन्दवाल साहिब में नई बनी केंद्रीय जेल को कार्यशील करने के लिए 513 नए पद सृजन करने और भरने की मंज़ूरी दे दी है। यह फ़ैसला जेल प्रशासन के कामकाज में कुशलता लाने के साथ-साथ जेलों की सुरक्षा को मज़बूत करेगा और राज्य की जेलों में भीड़-भाड़ की समस्या को कम करेगा। जेल विभाग सम्बन्धित विभागों से भर्ती और डैपूटेशन पर वर्दीधारी स्टाफ, मिनिस्ट्रियल स्टाफ, मेडिकल स्टाफ और टैक्निकल एवं टीचिंग स्टाफ के यह पद सृजन करेगा और भरेगा।
पंजाब जल आपूर्ति एवं स्वच्छता ‘डी’ (फील्ड वर्कजऱ्) सेवा नियम-2021 बनाने को हरी झंडी मंत्री मंडल ने पंजाब जल आपूर्ति एवं स्वच्छता ग्रुप ‘डी’ (फील्ड वर्कजऱ्) सर्विस रूल्ज, 2021 बनाने के लिए भी मंज़ूरी दे दी है।
जि़क्रयोग्य है कि 3 सितम्बर, 2019 को पुनर्गठन के बाद विभाग ने नोटीफिकेशन जारी किया था, जिसके अंतर्गत वर्कचार्ज (ग्रुप-डी) की पहले के 3503 अस्थायी पदों की जगह पर ग्रुप-डी वर्कचार्ज (हैल्पर टैक्रिकल) के 3503 रेगुलर पदों को मंज़ूरी दी गई थी, क्योंकि फील्ड वर्कर की हैल्पर (तकनीकी) (ग्रुप-डी) के पदों के लिए कोई मौजूदा नियम नहीं थे, इसलिए विभाग की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त नियम पहली बार बनाए गए हैं। इसके अलावा हैल्पर (तकनीकी) के 100 प्रतिशत पद अब सीधी भर्ती के द्वारा भरे जाएंगे।