‘7000 कंप्यूटर अध्यापकों का मसला जल्द हल करे सरकार, नहीं तो सड़कों और उतरने के लिए मजबूर’

bttnews
0

‘7000 कंप्यूटर अध्यापकों का मसला जल्द हल करे सरकार, नहीं तो सड़कों और उतरने के लिए मजबूर’
 प्रांतीय अध्यक्ष गुरविंदर सिंह                                अरुणदीप सिंह

चंडीगढ़, 21 सितंबर - राज्य के 7000 कंप्यूटर अध्यापक पिछले 1 दशक से अपनी, जायज़ माँगों को लेकर संघर्ष के रास्ते पर हैं। इस दौरान समय समय पर विभाग के आधिकारियों और सरकार के प्रतिनिधियों से कई बार मीटिंग हो चुकी है, कई माँगों को लेकर शिक्षा मंत्री और विभाग के आधिकारियों ने सहमति भी प्रकट की है परन्तु इस सम्बन्ध में विभाग की ढीली कार्यवाही और बहानेबाज़ी नीति के कारण राज्य के सभी कंप्यूटर अध्यापक निराशा के आलम में हैं। यह शब्द आज यहाँ जानकारी देते हुए कंप्यूटर अध्यापक यूनियन पंजाब के प्रांतीय अध्यक्ष गुरविंदर सिंह तरनतारन और प्रांतीय कमेटी सदस्य अरुणदीप सिंह सैदपुर ने कहे। उन मुख्य मंत्री पंजाब से अपील करते हुए कहा कि पिछले लम्बे समय से संघर्ष कर रहे 7 हज़ार कंप्यूटर अध्यापकों का मसला पहल के आधार पर हल किया जाए। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर अध्यापकों को बिना शर्त शिक्षा विभाग में मर्ज़ किया जाए और पिछले दिनों जत्थेबंदी की सरकार से हुई पैनल मीटिंग दौरान लिए गए फ़ैसले को लागू किया जाए।

इन माँगों पर बनी थी सहमति

यूनियन नेताओं ने बताया कि पिछले दिनों पंजाब सरकार से जत्थेबंदी की हुई पैनल मीटिंग में फ़ैसला लिया गया था कि कंप्यूटर अध्यापकों पर पंजाब सिविल सर्विस नियम उनके नियुक्ति पत्रों में दर्ज़ शर्तों के अनुसार यथावत लागू किए जाएंगे, इन्टर्म रिलीफ 2017 से लागू की जाएगी, सीपीएफ की कटौती समूह कंप्यूटर अध्यापकों पर लागू की जाएगी और बक़ाया रहती एसीपी, 4/9 वर्षीय  लगाई जाएगी। जिस के सम्बन्ध में एक फाइल शिक्षा विभाग के सेक्रेटरी एजुकेशन द्वारा शिक्षा मंत्री पंजाब के आदेशों से तैयार कर वित्त विभाग को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। परंतु इतने दिन बीत जाने के बावज़ूद भी वित्त विभाग द्वारा उस फाइल को पास नहीं किया गया। 

मुख्य मंत्री के दख़ल से ही होगा समाधान

यूनियन नेताओं ने मुख्य मंत्री से माँग करते हुए कहा कि वह ख़ुद इस मसले में दख़ल दे कर यह फाइल जल्द के पास करवाए और कंप्यूटर अध्यापकों के मसले जल्द हल करें। इसके साथ ही जत्थेबंदी ने माँग की कि मुख्य मंत्री पंजाब उन को मीटिंग के लिए समय देने ताकि उनकी जायज़ मांगों के सम्बन्ध में उन्हें अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा उनकी जायज़ मांगों को जल्द पूरा ना किया गया तो वह अपने संघर्ष को ओर तेज कर देंगे जिसकी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस अवसर पर प्रांतीय महा-सचिव परमिंदर सिंह घुमाण, रविइन्दर सिंह मंडेर, हरजीत सिंह संधू, अनिल ऐरी, परमिंदर सिंह भुल्लर,अमरदीप सिंह मोगा, हरमिंदर सिंह संधू गुरप्रीत सिंह टौहड़ा, एकओंकार सिंह बठिंडा आदि उपस्थित थे।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)