फलों और सब्जियों की काश्त से मौजूदा आर्थिक घाटे से उभर सकते हैं किसान - राणा गुरजीत सिंह

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 किन्नू की काश्त में पंजाब की तरक्की से महाराष्ट्र प्रभावित - सन्दीपन भूमरे


फलों और सब्जियों की काश्त से मौजूदा आर्थिक घाटे से उभर सकते हैं किसान - राणा गुरजीत सिंह

चंडीगढ़, 5 अक्तूबरः

महाराष्ट्र के बाग़बानी मंत्री श्री सन्दीपन भूमरे के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज पंजाब भवन में पंजाब के बाग़बानी मंत्री राणा गुरजीत सिंह और विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की जिसमें दोनों राज्य में फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जा रही प्रौद्यौगिकी के आदान-प्रदान पर सहमति अभिव्यक्त की गई।
मीटिंग को संबोधन करते हुये राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि देश भर के किसान इस समय पर गंभीर आर्थिक संकट में से गुज़र रहे हैं। केवल कृषि विभिन्नता ही किसानों को मौजूदा आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि फलों और सब्जियों के उत्पादन के साथ ही किसान मौजूदा संकट में से बाहर निकल सकता है।
पंजाब के किसानों की तलख़ सच्चाइयों संबंधी जानकारी देते हुये राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि पंजाब के किसान लंबे अरसे से गेहूँ और धान की काश्त के चक्र में फंसे हुए हैं, जिससे भूजल का स्तर बहुत नीचे चला गया है। पंजाब के पास अगले 25 सालों के लिए पानी का भंडार मौजूद है और इस समय पर पानी का स्तर 300 फुट तक नीचे चला गया है। उन्होंने कहा कि इस समय पर किसानों को लगभग 7000 करोड़ रुपए की मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई जा रही है।

राणा ने दोहराया कि फ़सली विभिन्नता ही किसानों को संकट में से निकालने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि आज देश में अनाज की भरपूर सप्लाई है और सब्जियों और फलों की माँग भी बढ़ रही है। राणा गुरजीत सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र ने फलों और सब्जियों के उत्पादन में देश में विशेष स्थान प्राप्त किया है और महाराष्ट्र और पंजाब दोनों तकनीकों के आदान-प्रदान से पंजाब फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने, मंडीकरण करने और विदेशों में निर्यात करने में लाभ ले सकता है।
राणा गुरजीत सिंह ने सब्जियों की अधिक पैदावार और बेहतर गुणवत्ता को यकीनी बनाने के मद्देनज़र यूरोप और अमरीका में खरपतवारों की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किये जा रहे खरपतवारनाशी और कीटनाशकों के प्रयोग पर भी ज़ोर दिया।
महाराष्ट्र से आए प्रतिनिधिमंडल का स्नेहपूर्ण स्वागत करने और आतित्थ्य के लिए पंजाब सरकार का धन्यवाद करते हुए महाराष्ट्र के बाग़बानी मंत्री श्री सन्दीपन भूमरे ने कहा कि महाराष्ट्र, नीबू जाति की फसलों विशेष तौर पर किन्नू के उत्पादन में पंजाब की तरफ से की गई प्रगति से बहुत प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि पंजाब दौरे के पीछे महाराष्ट्र का एक मंतव्य पंजाब में नीबू जाति की फसलें उगाने के लिए तकनीकों और अन्य तरीकों के बारे वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त करना और फिर महाराष्ट्र में इन तकनीकों को इस्तेमाल करके फसलों के उत्पादन को बढ़ाना था। इसके साथ ही महाराष्ट्र के बाग़बानी मंत्री ने पंजाब के बाग़बानी मंत्री राणा गुरजीत सिंह को महाराष्ट्र राज्य का दौरा करने का न्योता भी दिया।
अपने पंजाब दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सब्जियों के सैंटर आफ एक्सीलेंस, करतारपुर का दौरा किया और एकीकृत सप्लाई चेन के बारे जानकारी ली। उन्होंने जालंधर में आलू के सैंटर आफ एक्सीलेंस और सैंटर आफ एक्सीलेंस फार साइट्रस एंड साइट्रस अस्टेट, होशियारपुर का भी दौरा किया। उन्होंने उपरोक्त सैंटर आफ एक्सीलेंस और साइट्रस अस्टेट के लाभों के बारे जानकारी लेने के लिए पंजाब के किसानों के साथ बातचीत भी की।


इस मीटिंग में दूसरों के इलावा प्रमुख तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) श्रीमती सीमा जैन, बाग़बानी विभाग के सचिव श्री गगनदीप सिंह बराड़, बाग़बानी विभाग के डायरैक्टर श्रीमती सैलेंदर कौर, श्री बलविन्दर सिंह सिद्धू, कमिशनर कृषि और विभाग के अन्य सीनियर अधिकारी शामिल हुए।
आये हुए प्रतिनिधिमंडल में डा. मोते कैलास, डायरैक्टर बाग़बानी, श्री अशोक सिरसे, मंत्री के प्रमुख सचिव, डा. तुकाराम मोते, श्री नन्दालाल बंसीलाल काले, डा. कापसे भगवानराव, श्री बिनवाड़े वसंत, श्री सन्दीप शिरसथ, श्री वानखेड़े मनोज, श्री गायकवाड़ सिद्धार्थ शामिल थे।

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